रुद्रप्रयाग से केदारनाथ की ओर जाने वाले रास्ते पर एक बार फिर मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। देर रात आसमान से बरसी आफत ने गौरीकुंड के पास बड़ा हादसा कर दिया। अचानक पहाड़ी टूट पड़ी और पूरा मलबा पैदल रास्ते पर जा गिरा। इससे केदारनाथ की यात्रा एक बार फिर बीच में रोकनी पड़ी। रात के सन्नाटे में हादसा होते ही अफरा तफरी मच गई और लोगों को समझ ही नहीं आया कि क्या करें। भारी मलबा और चट्टानें रास्ते में गिरने से धाम जाने और वहां से लौट रहे श्रद्धालु फंस गए। रास्ता पूरी तरह बंद हो गया। रात से लेकर दोपहर तक रेस्क्यू टीमों ने लगातार मेहनत की और दोपहर करीब एक बजे के बाद किसी तरह रास्ता फिर से पैदल चलने लायक बनाया गया। इसके बाद धाम से लौट रहे यात्रियों को धीरे धीरे निकाला गया और सभी को सुरक्षित गौरीकुंड की ओर भेजा गया।
जानकारी के मुताबिक हादसा रात करीब साढ़े तीन बजे हुआ। उस वक्त चारों तरफ अंधेरा था और आवाजाही बहुत कम थी। अचानक पहाड़ी का हिस्सा टूटकर नीचे आ गिरा। इतने बड़े बोल्डर गिरे कि उन्हें हटाने में एसडीआरएफ एनडीआरएफ और लोक निर्माण विभाग की टीम को घंटों मशक्कत करनी पड़ी। कई जवान पूरी रात और सुबह भर मौके पर डटे रहे ताकि रास्ता जल्दी से जल्दी खोला जा सके। एसपी अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि जैसे ही उन्हें सूचना मिली पूरी टीम को अलर्ट कर दिया गया। सभी एजेंसियां मौके पर भेजी गईं और फिर रास्ता धीरे धीरे साफ किया गया। वापस लौट रहे श्रद्धालुओं को हाथ पकड़कर सहारा देते हुए सुरक्षाबलों ने पार कराया।
इस बीच प्रशासन ने साफ कर दिया कि जब तक रास्ता पूरी तरह सुरक्षित और चलने लायक नहीं बन जाता तब तक गौरीकुंड से केदारनाथ की तरफ जाने वाले किसी भी यात्री को आगे नहीं जाने दिया जाएगा। मौके पर पुलिस आपदा प्रबंधन टीम एनडीआरएफ और एसडीआरएफ लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
उधर रुद्रप्रयाग जिले के कई इलाकों में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। अगस्त्यमुनि ब्लॉक के बगड़ धार और आस पास के इलाकों में बारिश के बाद पहाड़ से पानी के साथ मलबा सीधे लोगों के घरों में घुस गया। कई मकान पूरी तरह मलबे में दब गए। लोग डर के मारे पूरी रात सो भी नहीं पाए। तेज बारिश के बाद कई गाड़ियां मलबे में दब गई हैं। घरों का सामान खराब हो गया और सड़कों का नामोनिशान तक नहीं बचा। प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है और नुकसान का आकलन किया जा रहा है। हालात इतने खराब हैं कि लोग अभी भी डरे हुए हैं और ऊपर से मौसम बार बार करवट बदल रहा है।
