विदेश मंत्रालय ने 24 अप्रैल को कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 की औपचारिक घोषणा कर दी है।यह यात्रा जून में शुरू होगी और अगस्त 2025 तक चलेगी 5 साल बाद यह यात्रा फिर से 30 जून को शुरू की जा रही है जिसका श्रद्धालुओं को लंबे समय से इंतजार भी था।
इस यात्रा का संचालन विदेश मंत्रालय और प्रदेश सरकार ने मिलकर किया है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि इस साल कुल पांच बैच होंगे, जिनमें प्रत्येक बैच में 50 यात्री होंगे।
ये यात्री उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे और सिक्किम के नाथू ला दर्रे से यात्रा करेंगे। इच्छुक श्रद्धालु अब यात्रा के लिए आवेदन करने के लिए https://kmy.gov.in वेबसाइट पर जा सकते हैं।
यात्रियों का चयन निष्पक्ष प्रक्रिया से होगा और उन्हें अलग-अलग मार्ग और बैच दिए जाएंगे। मार्ग और बैच में बदलाव संभव नहीं होगा लेकिन अगर आवश्यक है तो यात्रियों के अनुरोध करने पर परिवर्तन किया जा सकता है लेकिन खाली सीट उपलब्ध होने पर ही ऐसा हो पाएगा और मंत्रालय का निर्णय आखरी होगा।
इस बार श्रद्धालुओं को कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) को 35,000 की जगह 56,000 रुपये देने होंगे। इस राशि में यात्रा के दौरान आने-जाने, ठहरने और खाने-पीने का खर्च शामिल होगा।
इसके अलावा श्रद्धालुओं को मेडिकल जांच चीन का वीजा और अन्य खर्च भी करने पड़ेंगे।
केएमवीएन लिपुलेख दर्रे से कैलाश मानसरोवर यात्रा का संचालन करेगा।
उत्तराखंड से यात्रा का संचालन दिल्ली से शुरू होकर पिथौरागढ़ के लिपुलेख पास से होगा। पहला दल 10 जुलाई को चीन में प्रवेश करेगा, और अंतिम दल 22 अगस्त को भारत लौटेगा।
प्रत्येक दल की यात्रा कुल 22 दिनों की होगी।
कैलाश मानसरोवर यात्रा 2020 से कोविड महामारी के कारण रोक दी गई थी। अब, पांच साल बाद यह यात्रा फिर से शुरू हो रही है, जिससे श्रद्धालुओं के लिए यह खुशखबरी है। इसे भारत और चीन के रिश्तों को बेहतर बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।