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यादों में पत्रकार नगरकोटी: उम्मीद नहीं थी वह यूं चले जाएगा- पीसी तिवारी

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Journalist Dewan Nagarkoti passed away

आज के बागेश्वर के ग्रामीण परिवेश से डॉ. दिवान नगरकोटी अपने भाइयों के साथ पहले अल्मोड़ा आए थे। हम सब लोग रामकृष्ण धाम में रहते थे। रामकृष्ण धाम, उत्तराखंड संघर्ष वाहिनी उन दिनों छात्र- युवा आंदोलन का मुख्य केंद्र था। तब से दिवान और उनके बड़े भाई सोबन सिंह नगरकोटी के साथ हम लोगों का भाइयों जैसा पारिवारिक रिश्ता रहा।

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Journalist Dewan Nagarkoti passed away
File photo -Journalist Dewan Nagarkoti passed away

दिवान ने अपनी सामाजिक सक्रियता, अध्ययन और जनपक्षधरता से अपना अलग व्यक्तित्व विकसित कर लिया था। एक प्रखर पत्रकार समाज विज्ञानी और आंदोलनकारी होने के साथ उन्होंने उत्तराखंड सेवानिधि अध्ययन विकास संस्थान में रहते हुए उत्तराखंड के जल, जंगल, ज़मीन और पर्यावरणीय सवालों पर महारथ हासिल कर ली थी। चिपको, वन बचाओ, नशा नहीं रोज़गार दो आंदोलन में भी दिवान सक्रिय रहे। उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान डॉ. आर. एस. टोलिया जैसे दृष्टिवान, तेज़ तर्रार अधिकारी एवं जाने माने समाज विज्ञानी- कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. वी. के. जोशी के सानिध्य में उन्होंने उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मंत्रियों की मंत्रिमंडलीय रमाशंकर कौशिक समिति के लिए शोध, लेखन एवं रिपोर्ट तैयार करने में उल्लेखनीय योगदान किया था। ज्ञातव्य है इस समिति में गैरसैंण को राज्य की राजधानी बनाने की व्यवस्था भी थी।

दिवान के इस तरह चले जाने से हम सब दुखी हैं। कम- से- कम यह अभी जाने की उम्र नहीं थी। एक प्रखर पत्रकार, जनपक्षीय बुद्धिजीवी, स्पष्टता से अपनी बात रखने वाले साथी दिवान का अचानक चले जाना उनको जानने- समझने वाले तमाम लोगों तथा मेरे लिए बेहद दुखद है। दिवान को हार्दिक श्रद्धांजलि।

पी. सी. तिवारी
अध्यक्ष उपपा