उत्तराखंड में अब आधार कार्ड बनवाना पहले जितना आसान नहीं रहेगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ कर दिया है कि अब कोई भी सरकारी दस्तावेज बनाने से पहले हर व्यक्ति और उसके कागजों की गहराई से जांच होगी. अधिकारियों को सख्त निर्देश दे दिए गए हैं कि जो भी आवेदन आए, उसमें एक एक दस्तावेज की सही तरीके से पड़ताल होनी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर अधिकारियों के साथ हुई बैठक में ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि जो लोग फर्जी दस्तावेजों के दम पर आधार कार्ड या सरकारी योजनाओं का फायदा लेना चाहते हैं, उन पर अब सख्ती से कार्रवाई की जाएगी. और अगर इन फर्जी दस्तावेजों को किसी अधिकारी ने तैयार कराया है, तो उस पर भी एक्शन लिया जाएगा.
धामी ने जिलों के अधिकारियों से ये भी पूछा है कि अब तक धर्मांतरण से जुड़े मामलों में क्या कार्रवाई हुई है. कितने मामले पकड़े गए और कितनों पर एक्शन लिया गया है, इसकी पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजने को कहा गया है. उन्होंने ये भी कहा कि टोल फ्री नंबर 1064 का ज्यादा से ज्यादा प्रचार किया जाए, ताकि भ्रष्टाचार में लिप्त अफसर और कर्मचारी जनता के निशाने पर आएं और उन पर सख्त कार्रवाई हो सके.
उन्होंने कहा कि जिलों में जो भी सत्यापन अभियान चल रहा है, उसे कमजोर न पड़ने दिया जाए. संदिग्ध लोगों को चिन्हित किया जाए और उनके खिलाफ पूरी गंभीरता से कार्रवाई हो. उन्होंने ये भी जोड़ा कि सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के दस्तावेज बनाने से पहले यह जरूर जांचा जाए कि वे असली हैं या नहीं.
मुख्यमंत्री ने सरकारी इमारतों के निर्माण में स्थानीय मजदूरों को तरजीह देने को कहा. उन्होंने कहा कि जो भवन बनें, उनमें उत्तराखंड की संस्कृति और पहाड़ी शैली की झलक दिखनी चाहिए. बॉर्डर वाले इलाकों में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नियमित चेकिंग के आदेश भी दिए गए.
इसके अलावा अतिक्रमण को लेकर भी मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा है कि जो जमीनें पहले ही खाली कराई जा चुकी हैं, उन पर दोबारा कब्जा न होने पाए. इसके लिए सख्त निगरानी रखी जाए. और जहां शत्रु संपत्तियों पर अतिक्रमण हुआ है, उसकी पूरी रिपोर्ट बनाई जाए, ताकि वहां भी साफ सफाई से कार्रवाई हो सके.