उत्तराखंड के चमोली जिले से एक बेहद दर्दनाक खबर सामने आ रही है। गोपेश्वर पोखरी मार्ग पर एक बेकाबू कार खाई में गिर गई जिससे एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौके पर मौत हो गई जबकि उनका बड़ा बेटा अभी भी जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है।
यह हादसा इतना ज्यादा भयानक था कि खाई में गिरते ही कार में आग लग गई और सब कुछ राख में बदल गया।
जानकारी के मुताबिक, जल विद्युत निगम लिमिटेड के अधिशासी अभियंता अरविंद त्रिपाठी (57) अपनी पत्नी अनीता त्रिपाठी, और दो बेटों अनंत (22) व अंबुज (25) के साथ गुरुवार को पोखरी के विशाल पाव गांव पहुंचे थे, जो अनीता का मायका है। शाम को परिवार लौट रहा था कि गोपेश्वर-पोखरी रोड पर अचानक उनकी कार अनियंत्रित होकर करीब 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरी।
प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि हादसे के कुछ देर बाद ही कार से धुंआ उड़ने लगा और फिर लपटे उठने लगी। गिरते समय कार का संतुलन पूरी तरह अनियंत्रित हो गया था और टक्कर लगते ही आग लग गई। अरविंद और उनकी पत्नी और उनका एक बेटा कार से बाहर जा गिरे, लेकिन छोटा बेटा अनंत अंदर ही फंसा रह गया। आग की चपेट में आने से उसकी मौके पर ही झुलसकर मौत हो गई।
उनका बड़ा बेटा इस हादसे में बच गया। इस हादसे की सूचना मिलने के बाद करीब 4:40 पर पोखरी पुलिस थाना मौके पर पहुंची। तुरंत राहत और बचाव कर शुरू किया गया। अरविंद त्रिपाठी और उनके छोटे बेटे अनंत की मौके पर ही मौत हो गई जबकि घायल अनीता को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। उनका बेटा अंबुज त्रिपाठी फिलहाल अस्पताल में भर्ती और उसका इलाज चल रहा है।
एसपी सर्वेश पंवार ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि यह दुर्घटना पोखरी थाने से करीब 35 किलोमीटर दूर हुई। गाड़ी पूरी तरह जल चुकी थी।
उन्होंने कहा, मृतकों के शव बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजे गए हैं। मौके पर सीओ मदन बिष्ट सहित पुलिस और बचाव दल ने घंटों की मशक्कत के बाद शवों को खाई से बाहर निकाला।
देहरादून निवासी त्रिपाठी परिवार की इस दर्दनाक मौत से पोखरी और आसपास के गांवों में शोक का माहौल है। ग्रामीणों के अनुसार, यह सड़क खंड संकरा और मोड़ों से भरा है, जहां पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। लोगों ने प्रशासन से इस रूट पर सुरक्षा उपायों और बैरियर लगाने की मांग की है।
