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पिथौरागढ़ ग्रीन जोन (green zone) में, नई गाइडलाइन से कर सकेंगे ये कामकाज

Newsdesk Uttranews
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केंद्र की गाइडलाइन के अनुरूप राज्य सरकार ने दी ये छूट, डीएम ने जारी किए निर्देश

पिथौरागढ़। कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की अब तक की स्थितियों के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नई गाइडलाइन जारी की है, जिसके अनुसार उत्तरांखड सरकार ने पिथौरागढ़ जनपद में कोराना वायरस संक्रमण का कोई भी मामला न होने के कारण जिले को ग्रीन जोन (green zone) में रखा है। जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदंडे का कहना है कि गाइडलाइन के अनुरूप ही जनपद में 20 अप्रैल से महत्वपूर्ण गतिविधियां संचालित करने के लिए छूट दी जा रही है।

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इसमें सूचीबद्ध उद्योग-औद्योगिक प्रतिष्ठान (सरकारी एवं निजी) के संचालन के लिए नोडल अधिकारी महाप्रबंधक जिला उद्योग को नामित किया गया है, जिनके माध्यम से उद्योग से संबंधित आनलाइन तथा आफलाइन आवेदन प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की गयी है। प्राप्त आवेदन पत्रों को नोडल अधिकारी द्वारा आवश्यक कार्यवाही करते हुए जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा।

जिलाधिकारी ने बताया कि समस्त उप जिलाधिकारियों को उनके क्षेत्रान्तर्गत स्वनियोजित व्यक्तियों, जैसे इलैक्ट्रीशियन, प्लम्बर, मोटर मैकेनिक, आईटी इलैक्ट्रीशियन व बढ़ई को कार्य करने की अनुमति देने के लिए अधिकृत किया गया है, लेकिन इन कार्यों के लिए इलैक्ट्रीशियन, प्लम्बर, मोटर मैकेनिक, आईटी इलैक्ट्रीशियन एवं बढ़ई को कार्यालयों, घरों आदि में, उनका चिन्हीकरण करने के उपरान्त परिचय पत्र जारी करने पर ही कार्य की अनुमति प्रदान की जायेगी।


जिलाधिकारी ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के अंतर्गत कराये जाने वाले कार्योंं के लिए छूट दी गयी है, जिसमें सामाजिक दूरी, फेस मॉस्क पहनने का कड़ाई से अनुपालन कर कार्य करने की अनुमति प्रदान होगी। जल संरक्षण और सिंचाई के कार्योंं को मनरेगा के अंतर्गत प्राथमिकता के आधार पर किया जायेगा।

केन्द्र और राज्य सरकार की जल संरक्षण एवं सिंचाई के क्षेत्र की कार्ययोजना के अंतर्गत किये जाने वाले कार्योंं को भी मनरेगा के अंतर्गत अनुमति दी गयी है। विकास खंड स्तर पर श्रमिकों को अनुमति पत्र संबंधित क्षेत्र के खंड विकास अधिकारी के स्तर पर जारी किये जाएंगे, जिसका परीक्षण जिला विकास अधिकारी करेंगे। खंड विकास अधिकारी के स्तर पर केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन भी सुनिश्चित किया जायेगा।


वाणिज्य एवं निजी क्षेत्र में सरकारी मान्यता प्राप्त ग्राम पंचायत स्तर पर जन सेवा केद्र,निजी सुरक्षा सेवाएं और सुविधा प्रदान सेवाएं जो कार्यालय एवं आवासी रखरखाव से संबंधित हैं क्रियाशील रहेंगी। मत्स्य पालक, मत्स्य जीवी सहकारी समितियां को मत्स्य पालन कार्य किये जाने की अनुमति रहेगी, जिसमें फीडिंग व रखरखाव, कटाई, प्रसंस्करण, पैकेंजिंग, बिक्री एवं विपणन भी सम्मिलित रहेगा। विपणन का कार्य दोपहिया वाहन से किया जाता है तो एक व्यक्ति अथवा चार पहिया वाहन से विपणन कार्य किये जाने पर अधिकतम दो व्यक्ति ही अनुमन्य होंगे। इसके लिए जनपद के मत्स्य निरीक्षक संबंधितों को पास जारी करेंगे, जिसका परीक्षण संबंधित उपजिलाधिकारियों द्वारा किया जायेगा।


जनपद में पशुपालन विभाग के अंतर्गत पोल्ट्री फार्म, हैचरी और पशुधन गतिविधियों सहित पशुपालन फार्म का संचालन होगा। मक्के और सोया जैसे कच्चे माल की आपूर्ति सहित पशु आहार विनिर्माण के संचालन, परिवहन पास मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के स्तर से जारी किये जायेंगे। सामाजिक क्षेत्र में बच्चों, दिव्यांग, मानसिक रूप से कमजोर, वरिष्ठ नागरिकों, निराश्रितों, महिलाओं और विधवाओं के लिए गृहों का संचालन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन का वितरण जैसे वृद्धावस्था, विधवा, स्वतंत्रता सेनानी पेंशन, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा प्रदान की गयी पेंशन और भविष्य निधि से संबंधित सेवाएं क्रियाशील रहेंगी। गाइडलाइन के अनुसार शिक्षा को बढ़ावा दिये जाने के लिए प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा में ऑनलाइन व्यवस्था को व्यवस्थित-व्यापक रूप दिया जाएगा, जिससे लॉकडाउन के कारण विद्यार्थियों की शिक्षा पर प्रभाव न पड़े। इस हेतु मुख्य शिक्षा अधिकारी के स्तर से नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।


उन्होंने कहा कि निर्माण से संबंधित गतिविधियां हाईवे, सड़क-सिंचाई परियोजना, भवन तथा लघु एवं मध्यम उद्योग सहित समस्त प्रकार की औद्योगिक परियोजना से संबंधित निर्माण कार्य, जो नगर पालिका, नगर पंचायत क्षेत्र के बाहर हैं वह अनुमन्य रहेंगी। नगर पालिका एवं नगर पंचायत क्षेत्रों के अंतर्गत ऐसे निर्माण कार्यो को जारी रखा जा सकता है जहां मजदूर संबंधित कार्य क्षेत्र में मौजूद हों, तथा बाहर से किसी भी मजदूर को लाने-ले जाने की आवश्यकता न हो।


इसके अलावा राज्य सरकार-स्वायत्त संस्थायें व स्थानीय निकाय खुले रहेंगे जिसमें राज्य के अन्य विभाग सीमित क्षमता के साथ कार्य करेंगे। समूह क, ख के अधिकारी आवश्यकता के अनुसार उपस्थित होंगे। समूह ग तथा इसमें निम्न श्रेणी के अधिकारी व कर्मचारी दूरी का मानक सुनिश्चित करते हुए 33 प्रतिशत क्षमता के साथ कार्य कर सकते हैं। प्रत्येक दशा में सार्वजनिक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। इसके लिए अधिकारी-कर्मचारी जो नियोजित किये जाएंगे, उनके पास संबंधित कार्यालायाध्यक्ष द्वारा नियमानुसार निर्गत किये जायेंगे


जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारियों को विवाह समारोह के लिए अनुमति प्रदान करने के लिए अधिकृत किया है। जो कि नियमानुसार अपने स्तर से पास जारी करना सुनिश्चित करेंगे। वन विभाग के अधीन उतने अधिकारी-कर्मचारी क्रियाशील रहेंगे जितने नर्सरी के संचालन एवं रखरखाव, वन जीव संरक्षण, वनों की आगजनी रोकने, पौधरोपण, पौधों की सिंचाई, वन क्षेत्र के अंतर्गत पेट्रालिंग व अन्य यातायात संचालन के लिए आवश्यक होंगे। इन सभी गतिविधियों का संचालन संबंधित नोडल अधिकारी जारी गाइडलाइन के अनुरूप ही कराना सुनिश्चित करेंगे, जिसमें किसी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। इसके अतिरिक्त जनपद के सभी सार्वजनिक स्थानों पर सभी के लिए फेस कवर करना अनिवार्य होगा, सामाजिक दूरी का तय मानकोंं के अनुरूप पूर्णत: अनुपालन किया जायेगा। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना दंडनीय अपराध होगा। इन सब बातों का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, उत्तराखंड महामारी अधिनियम तथा भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।

कोरोना वायरस कोविड 19 के संक्रमण के बचाव एवं रोकथाम हेतु बैंक में भीड़ न लगे, इसके लिए पोस्टमेनों के माध्यम से गांव में घर-घर जाकर ही उनका पैसा उनके खाते से निकलवाना सुनिश्चित करें। यह बात जिलाधिकारी सुरेन्द्र नारायण पाण्डे ने जिला कार्यालय सभागार में बैकर्स एवं पोस्ट ऑफिस के अधिकारियों से कहीं। उन्होंने कहा सुनिश्चित कर लें कि घर-घर जाकर जब लोगों को उनके खाते से पैसे निकासी कर उन्हें उपलब्ध कराया जाय तब उन्हें डबल मास्क पहनने, सेनिटाइजर, साबुन का उपयोग करने के साथ ही उनसे सामाजिक दूरी का अवश्य पालन करने हेतु जागरूक एवं प्रेरित करें। साथ ही सभी को ऐसे पम्पलेट वितरित करें, जिसमें कोरोना वायरस संक्रमण के बचाव एवं रोकथाम हेतु क्या करें-क्या न करें उपाय अंकित हो।

उन्होंने बैंक कोरसपेंडेंट के माध्यम से और पोस्टमेन के माध्यम से कितनी धनराशि की निकासी हुई इसकी सूचना प्रत्येक दिन प्रशासन को अवश्य देने के निर्देश संबंधित को दिये। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान योजना एवं केसीसी के लिए जो भी आवेदन प्राप्त हुए है उन्हें दो सप्ताह में जारी करने के निर्देश दिये और इस कार्य में कोई भी बैंक किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही न करें। उन्होंने कृषि अधिकारी को उक्त संबंध में सभी औपचारिकता पूर्ण कर लाभार्थियों का विवरण बैंक को देने के निर्देश दिये। इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा आरसेटी द्वारा बनाये गये मास्कों को सभी आगनबाड़ी कार्यकत्रियों को वितरित करने हेतु जिला कार्यक्रम अधिकारी को उपलब्ध कराये।


इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी टीएस मर्तालिया, सीनियर ट्रेजरी आफिसर एचपी गंगवार, निदेशक लीड बैंक प्रबन्धक जोशी, निदेशक आरसेटी जनार्धन चिलकोटी, डीपीओ पीएस बृजवाल आदि उपस्थित थे।