जन स्वास्थ्य संघर्ष मोर्चा की प्रेस वार्ता में बोले उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष, कहा– स्वास्थ्य अब सेवा नहीं, धंधा बन गया है
अल्मोड़ा। शिखर होटल में हुई जन स्वास्थ्य संघर्ष मोर्चा की प्रेस वार्ता में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है। चौखुटिया से शुरू हुआ आंदोलन अब पूरे राज्य की स्वास्थ्य हकीकत को उजागर कर रहा है।
पीसी तिवारी ने कहा, “जब सरकार समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने की तैयारी कर सकती है, तो समान स्वास्थ्य संहिता (Uniform Health Code) क्यों नहीं?”
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सेवा पर समान कानून बनना जरूरी है, ताकि हर व्यक्ति को बिना भेदभाव सस्ती और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा मिल सके।
स्वास्थ्य सेवा अब ‘सेवा’ नहीं रही, धंधा बन गई है
तिवारी ने कहा कि आज अस्पताल और डॉक्टर इलाज नहीं, कमाई का जरिया बन चुके हैं। टेस्ट और दवाइयों के नाम पर मोटा कमीशन चलता है, और सरकार के पास इस पर कोई ठोस नीति नहीं है। उन्होंने कहा कि “रेडक्रॉस सोसाइटी को दवाओं में छूट और स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।”
पीसी तिवारी ने अपनी पत्नी मंजू तिवारी के इलाज के दौरान हुई लापरवाही का जिक्र करते हुए कहा कि इलाज के वक्त इमरजेंसी में मौजूद व्यक्ति डॉक्टर ही नहीं था, और जिसने इंजेक्शन लगाया, वह अस्पताल का कर्मचारी तक नहीं था।
उन्होंने कहा, “मजिस्ट्रेट जांच के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। हरीश रावत को इस मामले पर जवाब देना होगा।”
विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी का बहाना
उन्होंने कहा कि सरकार हर बार विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी की बात कहती है, जबकि मेडिकल कॉलेजों में NMC मानकों को पूरा करने के लिए ‘जुगाड़’ से फैकल्टी दिखा दी जाती है। उन्होंने कहा कि “कई अस्पताल तो सिर्फ नाम के लिए चल रहे हैं, मरीजों को फिर भी रेफर कर दिया जाता है।”
छह महीने में रिपोर्ट देने वाला आयोग बने
जन स्वास्थ्य संघर्ष मोर्चा ने मांग की है कि राज्यभर की स्वास्थ्य सेवाओं की सच्चाई सामने लाने के लिए उच्च स्तरीय न्यायिक आयोग गठित किया जाए, जो छह महीने में रिपोर्ट तैयार करे। उन्होंने कहा कि उपलब्ध मानव संसाधनों का सही उपयोग हो, ताकि मरीजों को रेफर न करना पड़े और इलाज समय पर मिल सके।
प्रेस वार्ता में नारायण राम, मोहम्मद शाकिब, डॉ. पुष्कर सिंह बिष्ट और आनंदी वर्मा भी मौजूद रहे।
