हाईकोर्ट ने दुष्कर्म आरोपी का घर तोड़ने पर लगाई रोक, पालिका से पूछा एक मई को ही कैसे पता चला मकान अवैध है

Advertisements Advertisements नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उस्मान नाम के व्यक्ति के घर को गिराने के नगर पालिका के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है।…

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नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उस्मान नाम के व्यक्ति के घर को गिराने के नगर पालिका के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। यह मामला एक नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के आरोप से जुड़ा है। कोर्ट ने नगर पालिका को निर्देश दिया है कि उसने जो नोटिस दिया है, उसे वापस ले और अगली सुनवाई तक कोई कार्रवाई न करे। सुनवाई की अगली तारीख 6 मई तय की गई है।

नगर पालिका ने आरोपी समेत कुछ लोगों को सिर्फ तीन दिन में मकान हटाने का नोटिस भेजा था। आरोपी के वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार कम से कम पंद्रह दिन का समय देना ज़रूरी होता है। कोर्ट ने इसे सही माना और कहा कि आरोपी जेल में है, ऐसे में उसे जवाब देने का मौका नहीं दिया गया, जो गलत है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नगर पालिका के अधिकारियों से पूछा कि एकदम से 1 मई को ही यह कैसे पता चला कि मकान अवैध है। अधिकारियों ने कोर्ट में माना कि उनसे गलती हुई है। कोर्ट ने पुलिस पर भी सवाल उठाए। कहा कि जब शहर में तनाव फैला था और प्रदर्शन हो रहे थे, तब पुलिस की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। आरोपी पर पेशी के दौरान हमला हुआ, उसे भी कोर्ट ने गंभीर माना।

यह मामला 30 अप्रैल की रात का है जब एक बुजुर्ग व्यक्ति पर 12 साल की बच्ची से दुष्कर्म का आरोप लगा। इसके बाद इलाके में विरोध शुरू हो गया। दुकानों को बंद कराया गया और तोड़फोड़ हुई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया।

इसके बाद नगर पालिका ने आरोपी के घर को अवैध बताते हुए तोड़ने का नोटिस जारी किया था। अब कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है और कहा है कि अगली सुनवाई में नगर पालिका, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट के साथ कोर्ट में मौजूद रहना होगा।