डेस्क— नानीसार में जीमन आवंटन को लेकर हाईकोर्ट सख्त हो गया है। न्यायालय ने जबाबदावा दाखिल करने हेतु एक सप्ताह का दिया समय अगर जबाब दाखिल नही किया तो सचिव राजस्व को समस्त दस्तावेज लेकर 9 जनवरी 2020 को पेश होने के आदेश दिए हैं।
अल्मोड़ा निवासी बिशन सिंह व पीसी तिवाड़ी द्वारा नवंबर 2015 में जनहित याचिका दाखिल कर कहा कि रानीखेत तहसील के अंतर्गत ग्राम नानीसार में राज्य सरकार के द्वारा एक एडुकेशन सोसाइटी को 353 नाली भूमि 22 सितंबर 2015 को आवंटित किए जाने वाले आदेश को चुनौती दी गयी है।
आज तक राज्य सरकार के द्वारा मामले में जबाब नही दाखिल किए जाने पर हाई कोर्ट ने नाराजगी ब्यक्त करते हुए राज्य सरकार को मात्र एक सप्ताह का समय देते हुए आदेश किया है कि यदि तय समय सीमा में जबाब दाखिल नही किया गया तो 9 जनवरी 2020 को सचिव राजस्व हाई कोर्ट की खंडपीठ के समक्ष समस्त दस्तावेजों सहित पेश हों।
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा के समक्ष हुई। याचिकाकर्ताओ की तरफ से ग्राम नैनीसार की भूमि के आवंटन को इस आधार पर चुनौती दी गयी है कि सरकार ने मनमाने तरीके से प्राइवेट संस्था को बिना विधि प्रावधानों का पालन किये अपने चहेते लोगो को करोड़ो की भूमि कौड़ी के भाव आवंटित की है जो गैरकानूनी है जिसे रद्द किया जाना चाहिए। मामले में अगली सुनवाई 9 जनवरी 2020 को नियत रखी गयी है।