डेस्क— निर्भया गैंग के गुनाहगारअक्षय ठाकुर की पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इधर इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई लेकिन पटियाला हाउस कोर्ट में अब सुनवाई टल गई है। कोर्ट ने इसके लिए 7 जनवरी को अगली सुनवाई होगी। इसके बाद दोषियों को अब 20 दिन की जान की मोहलत और मिल गई है ।
इधर कोर्ट के फैसले के बाद निर्भया की मां रोने लगीं। उन्होंने कहा कि दोषियों के पास सभी अधिकार हैं, हमारा क्या है? कोर्ट में मुकेश को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 3.15 बजे पेश किया जाएगा क्योंकि इस मामले में उसका कोई वकील नहीं है ।
सुनवाई में जज ने तिहाड़ जेल प्रशासन से पूछा कि पुनर्विचार याचिका खारिज हो गई तो आपने दोषियो को नोटिस क्यों नही जारी किया? जज ने कहा कि आज ही जारी करना चाहिए था ताकि उन्हें 7 दिनों के भीतर जवाब देना होता। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि मैं आप लोगों को पूरा वक्त दे रहा हूं. इसीलिए 7 जनवरी तक तैयारी पूरी कर लें। इसके साथ ही कोर्ट ने जेल अधिकारियों को सभी चार दोषियों को नोटिस जारी करने के लिए कहा है कि उनके पास दया याचिका दाखिल करने के लिए सात दिन का वक्त है। माना जा रहा था कि पटियाला हाउस कोर्ट से सुनवाई के दौरान डेथ वारंट जारी हो सकता था। ऐसे में सुनवाई टल जाने के बाद दोषियों को 20 दिन का समय और मिल गया है।
जानिया क्या होता है डेथ वारंट या ब्लैक वारंट
डेथ वारंट या ब्लैक वारंट वह कानूनी प्रक्रिया है जिसके जारी होने के बाद ही किसी दोषी को फांसी दी जा सकती है। जानकारी के अनुसर कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर-1973, यानी दंड प्रक्रिया संहिता- 1973 (CrPC) के तहत 56 फॉर्म्स होते हैं। फॉर्म नंबर 42 को डेथ वारंट कहा जाता है। इसके ऊपर ‘वारंट ऑफ एक्जेक्यूशन ऑफ अ सेंटेंस ऑफ डेथ’ लिखा होता है।
अगर निर्भया रेप और मर्डर मामले में दोषी पाए गए चारों अभियुक्तों को अदालतों या राष्ट्रपति से राहत नहीं मिलती है तो उन्हें फांसी पर लटकाने के लिए इसी फॉर्म नंबर 42 यानी ब्लैक वारंट का इस्तेमाल किया जाएगा।
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