चौखुटिया में स्वास्थ्य की लड़ाई: 25 दिन से आवाज बुलंद, पैदल यात्रा और अनशन जारी

अल्मोड़ा। चौखुटिया क्षेत्र में लोग अब स्वास्थ्य सुविधा को किसी खैरात की जगह, अपना हक मानकर सड़क पर उतर आए हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में…

Health fight in Chaukhutiya: Voice raised, walking march and fast continues for 25 days

अल्मोड़ा। चौखुटिया क्षेत्र में लोग अब स्वास्थ्य सुविधा को किसी खैरात की जगह, अपना हक मानकर सड़क पर उतर आए हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों और ज़रूरी संसाधनों की कमी को लेकर शुरू हुआ यह आंदोलन दिन-ब-दिन और तेज होता जा रहा है। पैदल यात्रा हो, धरना हो या आमरण अनशन… लोग पीछे हटने को तैयार नहीं है।


रविवार को नंदिता भट्ट के नेतृत्व में द्वाराहाट से 15 लोगों का नया जत्था पैदल यात्रा में शामिल हुआ। जनगीत, नुक्कड़ सभाओं और नारेबाज़ी के जरिए आंदोलनकारी लगातार लोगों को जोड़ रहे हैं और यही संदेश दे रहे हैं कि बेहतर स्वास्थ्य सेवा किसी भी नागरिक का बुनियादी अधिकार है।


तीसरे दिन आगे बढ़ी पैदल यात्रा
आदिबद्री से शुरू हुई पैदल यात्रा सिमली और कर्णप्रयाग के रास्ते आगे बढ़ती रही। रास्ते भर आंदोलनकारियों ने लोगों को समझाया कि इलाज में देरी कई ज़िंदगियां निगल लेती है, इसलिए अब आवाज उठाना जरूरी हो गया है। दल में भुवन कठायत, सरस्वती किरोला, चंद्रा कोहली, शांति अटवाल, पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी और कई स्थानीय लोग शामिल रहे।


आमरण व क्रमिक अनशन पहुंचा 25वें दिन में
धरना स्थल पर माहौल और सख्त हो चुका है। नारों के बीच आंदोलनकारियों ने साफ कहा कि जब तक स्वास्थ्य केंद्र पूरी व्यवस्था के साथ नहीं चलने लगेगा, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी।आमरण अनशन पर नारायण सिंह मेहरा सातवें दिन में हैं, जबकि पंकज मेहरा का दूसरा दिन है। क्रमिक अनशन में भी कई लोग रोजाना शामिल हो रहे हैं।


राजनीतिक दलों और संगठनों का भरपूर समर्थन
आंदोलन अब किसी एक गांव की बात नहीं रह गया। राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों, ग्राम प्रधानों से लेकर क्षेत्र पंचायत सदस्यों तक सभी मिलकर आवाज उठा रहे हैं। धैर्य, जोश और उम्मीद… तीनों का संगम यहां धरना स्थल पर साफ दिखाई देता है।


स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के बिना नही रूकेगा आंदोलन
आंदोलनकारियों का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टरों, मशीनों, एंबुलेंस और अन्य जरूरी सुविधाओं की मांग कोई ऐश नहीं, बल्कि इंसानों की जिंदगी से जुड़ी जरूरत है। सरकार को फौरन ध्यान देना चाहिए।
धरना स्थल पर उमेश रावत, जीवन नेगी, कुबेर सिंह कठायत, भगवत मेहरा, पप्पू बिष्ट, हीरा नेगी और कई लोग लगातार जुटे हुए हैं। सभी का कहना है कि अब पीछे हटने का सवाल ही नहीं।लोगों की उम्मीदें अब सरकार की ओर टिकी हैं कि कब तक आवाज सुनने का इंतजार कराया जाएगा।


आज अनशन स्थल पर प्रदर्शन स्थल पर उमेश रावत, जीवन नेगी, पूर्व दर्जा मंत्री कुबेर सिंह कठायत, भगवत मेहरा, विपिन शर्मा, पप्पू बिष्ट, अशोक कुमार, हीरा नेगी, गोपाल सिंह नवीन तिवारी, बालम सिंह नेगी, कमल सिंह, गोविंद सिंह, विपिन नैनवाल, मथुरा सिंह, संजय महेश्वरी, दिनेश कुमार, देव सिंह, जगत नेगी, शम्भू दत्त जोशी, रूप सिंह, माधो सिंह, बचे राम, डूंगर सिंह, कुंदन राम, पंकज नेगी, नारायण सिंह, हरि सिंह असवाल, कैलाश गिरी गोस्वामी, बचे सिंह कठायत, विजय नेगी, परमानंद कांडपाल, मनोज सिंह बिष्ट, मनोज तडिय़ाल, बीरेंद्र मनराल, रूप सिंह नेगी, गिरीश चंद्र, हरीश मैनाली, दिनेश कुमार, विनोद कुमार, भीम सिंह मेहरा, जगत सिंह नेगी, हरीश कुमार, कैलाश चंद पांडे, बिशन सिंह, कुंदन सिंह कठायत, गुसाई सिंह, आनंद किरौला, कुलदीप मेहरा, बीरेंद्र बिष्ट, केवल सिंह, प्रकाश चन्द्र, डॉ. नवीन जोशी, पूरन सिंह रावत, मदन सिंह नेगी आदि लोग डटे रहे।