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उत्तराखंड— मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (mukhymantri Swarojgar Yojana) में बेरोजगार युवाओं को प्राथमिकता देंः सीएम

UTTRA NEWS DESK
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mukhymantri Swarojgar Yojana

Give priority to unemployed youth under mukhymantri Swarojgar Yojana: CM

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देहरादून, 12 जून 2020
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा जिलाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (mukhymantri Swarojgar Yojana)
और सोलर व पिरुल परियोजनाओं की समीक्षा की. सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में वास्तव में जरूरतमंदों और बेरोजगार (Unemployed) को प्राथमिकता दी जाए. सभी विभागों में चल रही स्वरोजगार योजनाओं को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के साथ जोङा जाए.

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सोलर व पिरूल प्रोजेक्ट की आवश्यक प्रक्रियाएं समय से पूरी हों. मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत (Chief Minister Trivendra Singh Rawat) ने सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा जिलाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (mukhymantri Swarojgar Yojana) और सोलर व पिरूल परियोजनाओं की समीक्षा की. सीएम रावत ने कहा कि होप पोर्टल(Helping Out People Everywhere) पर स्वरोजगार की सभी योजनाओं की सूचना अपलोड की जाए. एक प्लेटफार्म पर आने से लोगों को इन योजनाओं की जानकारी मिल पाएगी और इसका लाभ उठा सकेंगे. जन प्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए.

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सोलर व पिरूल प्रोजेक्ट में प्रक्रियाएं समय पर पूरी हों

मुख्यमंत्री ने कहा कि सोलर व पिरुल प्रोजेक्ट को प्राथमिकता से लिया जाए. किसी भी एसडीएम के पास इनसे संबंधित फाईल एक सप्ताह से ज्यादा लम्बित नहीं रहनी चाहिए. जिलाधिकारियों को लगातार इसकी समीक्षा करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में पिरूल प्रोजेक्ट में पिरुल एकत्रीकरण पर स्वयं सहायता समूहों को एक रूपया प्रति किलो वन विभाग और 1.5 रूपया (एक रूपया पचास पैसे) प्रति किलो विकासकर्ता द्वारा दिया जाता है. अब राज्य सरकार भी अतिरिक्त 1 रूपया प्रति किलो अर्थात 100 रूपए प्रति क्विंटल की राशि देगी.

प्रत्येक जिले में 2-2 स्वरोजगार प्रेरक

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश है हर बेरोजगार साथी अपना रोजगार प्रारम्भ कर सकें. लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए प्रत्येक जिले में एक महिला और एक पुरुष स्वरोजगार प्रेरक तैनात किए जाएंगे.

किसानों के उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था हो

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान अपने उत्पादों की बिक्री के लिए निश्चित होना चाहिए, उनके उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था पर काम किया जाए. हॉर्टिकल्चर, पॉल्ट्री, मत्स्य, बकरी और भेड़पालन लाभदायक हो सकते हैं. इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए। कोशिश की जाए कि अदरक, हल्दी आदि के बीज मांग के अनुरूप स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हों. किसानों को उन्नतशील खेती का प्रशिक्षण बंद कमरों तक ही सीमित न रहे, यह प्रशिक्षण का लाभ खेतों तक पहुंचे. कृषि विज्ञान केंद्रों का अधिकाधिक उपयोग हो.

लाभकारी प्रोजेक्ट पर संबंधित विभाग गाइडलाइन तैयार करें

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को आवेदकों को प्रोजेक्ट बनाने के लिए सारी जानकारी देने के निर्देश दिए. इसमें ऑफलाइन आवेदन की भी व्यवस्था हो. सीएम ने कहा कि विभिन्न व्यवसायों के प्रोजेक्ट किस प्रकार लाभकारी हो सकते हैं, इसके लिए संबंधित विभाग गाइडलाइन तैयार करें. जिला रोजगार समितियां आवेदकों की काउंसिलिंग भी करें. डीएम हर जिले में कुछ मॉडल प्रोजेक्ट स्थापित करें. बैंकों से समन्वय स्थापित किया जाए और ऋण प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं का निस्तारण तुरंत किया जाए.

सोलर और पिरूल प्रोजेक्ट

सचिव राधिका झा ने प्रदेश में सोलर व पिरूल प्रोजेक्टों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सोलर में 283 परियोजनाएं आवंटित की गई हैं जिसमें 203 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा और 800 करोड़ रुपए का निवेश होगा. बहुत सी परियोजनाओं का यूपीसीएल का करार हो चुका है. पिरुल के भी 38 प्रोजेक्ट आवंटित किए जा चुके हैं. इनका भी यूपीसीएल के साथ करार किया जा चुका है.

वीडियो कांफ्रेंसिग में मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रवीन्द्र दत्त, मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट, सचिव एल फैनई, अमित नेगी, आर मीनाक्षी सुंदरम, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल सहित अन्य अधिकारी व जिलाधिकारी उपस्थित थे.