shishu-mandir

भारतीय संकृति के विदेशी भी कद्रदान, अल्मोड़ा मेंआयोजित हुआ अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार

Newsdesk Uttranews
2 Min Read
photo-uttranews


अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा के इतिहास विभाग की ओर से जर्मनी से पहुंची डा. मारिया वृत्त ने भारतीय संस्कृति एवं विश्व स्तर पर इसके प्रभाव विषय पर अपने भाषण में कहा कि आज संस्कृत भाषा पर पश्चिम में भी शोध कार्य का शिलशिला निरंतर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति के अनुरूप भगवान में विश्वास की अवधारणा को लेकर कहा कि भारत में दैवीय प्रभाव कूट कूट कर भरा है। वह यहां इतिहास विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय सेमीनार में मुख्य वक्ता के तौर पर पर बोल रही थीं।

new-modern
gyan-vigyan
photo-uttranews

saraswati-bal-vidya-niketan


इस मौके पर विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो.डीके नौढ़ियाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में खगोल शास्त्र,गणित,चिकित्सा आदि का स्वर्णिम इतिहास रहा है। इससे पूर्व मॉ सरस्वती के चित्र पर सभी अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कर सेमीनार का उद्घाटन किया गया। प्रो एसए हामिद ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए उनका परिचय कराया। उद्घाटन सत्र में मर्म चिकित्सा के मर्मज्ञ डा.एसके जोशी ने योग के आधार पर भारतीय संस्कृति की प्रासंगिकता को उद्घाटित किया। विशिष्ठ अतिथि प्रो. आएस अग्रवाल ने युवाओं को भारतीय संस्कृति को आत्मसात करने पर जोर दिया। सेमिनार के निदेशक प्रो. सीएम अ​ग्रवाल ने सभी प्रतिभागियों को सेमिनार के विषयवस्तु के संदर्भ में जानकारी प्रदान की। उद्घाटन सत्र में प्रो. संजय टम्टा ने भारतीय संस्कृति में वसुधैव कुटंबकम के भाव पर व्याख्यान दिया। उद्घाटन सत्र के अंत में प्रो. दया पंत ने सभी अतिथियों एवं उपस्थितजनों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. बीडीएस नेगी ने किया अध्यक्षता परिसर निदेशक प्रो.आरएस पथनी ने की। इस मौके पर डा. इंदू रावत, प्रो. अनिल जोशी, डा. सीपी फुलोरिया,प्रो. इला साह, प्रो. अरविंद अधिकारी, प्रो. निर्मला पंत,रवि कुमार, डा. ललित जोशी, जीवन भट्ट,चंदन पांडे,दयावर्धन,दीपा भंडारी,दीव्या तनवार,प्रो. प्रेमलता पंत, प्रो. गिरीश पंत सहित अनेक शोधार्थी व छात्रछात्राएं मौजूद रही।