भारत में फिर लौट आया कोरोना का डर, अब तक 12 की जान गई , एक्टिव मरीजों की संख्या हुई 1083 केरल बना सबसे बड़ा हॉटस्पॉट

Advertisements Advertisements देश में एक बार फिर कोरोना का खतरा धीरे-धीरे लौटने लगा है। केस भले ही कम हों लेकिन जिस रफ्तार से ये सामने…

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देश में एक बार फिर कोरोना का खतरा धीरे-धीरे लौटने लगा है। केस भले ही कम हों लेकिन जिस रफ्तार से ये सामने आ रहे हैं वो साफ बता रहे हैं कि बेफिक्री दिखाना ठीक नहीं है। अब तक कोरोना से बारह लोगों की जान जा चुकी है और एक हजार से ज्यादा एक्टिव मरीज देश में मौजूद हैं। केरल इस बार भी सबसे आगे है जहां चार सौ तीस एक्टिव केस हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में दो सौ आठ मरीजों का इलाज चल रहा है। दिल्ली में एक सौ चार और कर्नाटक में अस्सी केस सामने आए हैं। उत्तर प्रदेश में भी मामलों की संख्या अब तीस तक पहुंच गई है।

कोरोना से अब तक जिन बारह लोगों की जान गई है उनमें सबसे ज्यादा पांच मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं। राजस्थान कर्नाटक केरल मध्य प्रदेश और यूपी से भी मौत की पुष्टि हो चुकी है। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में अठहत्तर साल के बुजुर्ग की मौत के बाद यहां कोरोना की इस नई लहर की शुरुआत मानी जा रही है।

बिहार में भी वायरस की रफ्तार बढ़ने लगी है। पटना में एक ही दिन में छह लोग संक्रमित मिले हैं जिनमें एक महिला डॉक्टर और दो नर्सें भी शामिल हैं। सभी को सर्दी खांसी और बुखार की शिकायत थी। इनमें से तीन को अस्पताल में भर्ती किया गया है जबकि बाकी को घर पर ही आइसोलेट किया गया है।

दिल्ली सरकार का कहना है कि हालात पूरी तरह काबू में हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि अब कोरोना पहले जितना खतरनाक नहीं रहा बल्कि ये आम वायरल जैसा है। उन्होंने लोगों से डरने के बजाय सावधानी बरतने की अपील की है। अस्पतालों को पहले ही बेड ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं की तैयारी के निर्देश दिए जा चुके हैं।

इस बीच आईसीएमआर ने बताया है कि देश में कोरोना के चार नए वैरिएंट एक्टिव हैं जिनमें एलएफ सेवन एक्सएफजी जेएन वन और एनबी वन पॉइंट एट पॉइंट वन शामिल हैं। इनमें जेएन वन सबसे तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है जो शरीर की इम्युनिटी को चकमा देकर असर करता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसमें करीब तीस म्यूटेशन हैं जो इसे बाकी वेरिएंट्स से ज्यादा संक्रामक बनाते हैं। हालांकि टीका लगवा चुके या पहले संक्रमित हो चुके लोगों को इससे बहुत ज्यादा खतरा नहीं है।

जेएन वन के लक्षणों में सिर दर्द सूखी खांसी हल्का बुखार गले में खराश बदन दर्द और कभी कभी उल्टी या दस्त जैसी दिक्कतें देखी जा रही हैं। भले ही ये वैरिएंट ज्यादा गंभीर न हो लेकिन कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के लिए मुश्किल जरूर खड़ी कर सकता है। इसलिए जरूरी है कि लोग सावधानी बरतें भीड़भाड़ से बचें मास्क पहनें और अगर किसी तरह के लक्षण दिखें तो तुरंत जांच करवाएं।