सिडकुल थाना क्षेत्र में नकली शैंपू बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है। इस पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। इस फैक्ट्री में प्रसिद्ध ब्रांड के नाम पर नकली उत्पाद तैयार किया जा रहे थे जिससे न केवल उपभोक्ता की सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा था बल्कि नामी कंपनियां का नाम भी दांव पर लगा हुआ था।
बताया जा रहा है कि इस छापेमारी में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जबकि एक आरोपी मौके से फरार हो गया। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री के निर्देश पर हरिद्वार में मिलावटी और नकली उत्पादों के खिलाफ चलाए जा रहे हैं विशेष अभियान के तहत की गई।
सिडकुल थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि डेंसो चौक के पास गंगोत्री एनक्लेव फेज 3 स्थित एक मकान में लंबे समय से नकली शैंपू का निर्माण किया जा रहा है सूचना पर सिटी कॉर्पोरेशन की पुलिस टीम ने छापा मारा।
छापेमारी के दौरान वहां अफरा तफरी मच गई। एक आरोपी छत से कूदकर फरार हो गया, जबकि तीन आरोपियों हसीन, मोहसिन और शाहाबाद को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी हिंदुस्तान युनिलीवर लिमिटेड के लोकप्रिय ब्रांड क्लिनिक प्लस और सनसिल्क के नाम पर नकली शैंपू बना रहा था। यह उत्पाद स्थानीय बाजारों में असली बताकर बेचा जा रहा था जिससे उपभोक्ताओं की चमड़ी और बाल संबंधी बीमारियों को खतरा बना हुआ था।
पुलिस ने मौके से 32 पेटी तैयार नकली शैंपू बरामद की, जिनकी बाजार में अनुमानित कीमत लगभग 15 लाख रुपये है। इसके अलावा 1350 लीटर लिक्विड शैंपू, हजारों खाली बोतलें और ढक्कन, नकली लेबल और पैकिंग सामग्री, एक पैकिंग मशीन और कई लीटर रासायनिक कच्चा माल भी बरामद किया गया।
पूरी कार्यवाही ड्रग इंस्पेक्टर हरि सिंह और हिंदुस्तान युनिलीवर कंपनी की लीगल मैनेजर की मौजूदगी में हुई। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि आरोपियों के पास ड्रग और कॉस्मेटिक लाइसेंस भी नहीं था और ना ही किसी तरह का कच्चा माल का वैध दस्तावेज मौजूद था।
थाना अध्यक्ष नितेश शर्मा ने बताया कि यह कार्रवाई उपनिरीक्षक इंदर सिंह, ड्रग इंस्पेक्टर हरि सिंह और अन्य अधिकारियों की संयुक्त टीम द्वारा की गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि नकली और मिलावटी उत्पादों के खिलाफ अभियान आगे भी जारी रहेगा।
