देहरादून से बड़ी खबर सामने आई है। चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में आई आपदा के बाद राहत और बचाव का काम दूसरे दिन भी बिना रुके जारी है। मलबे में दबे लोगों की तलाश लगातार की जा रही है। बीती रात करीब 16 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दो लोगों को जीवित बाहर निकाला गया है। जिसके बाद उम्मीदें और बढ़ गई हैं। फिलहाल आठ लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। जिन्हें ढूंढने के लिए पुलिस प्रशासन और एसडीआरएफ के जवान पूरी ताकत से जुटे हुए हैं।
आपदा प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ एसडीआरएफ पुलिस प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर राहत और बचाव का काम कर रहे हैं। पुलिस लगातार अपडेट दे रही है। अब तक एक शव बरामद हुआ है। दो ग्रामीणों को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित निकाला गया है। चमोली के डीएम और एसपी हालात पर नजर रखे हुए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी स्थिति की लगातार जानकारी ले रहे हैं। नंदप्रयाग से नंदानगर तक का मार्ग बंद हो गया है। जिसे खोलने की कोशिशें जारी हैं।
जानकारी के मुताबिक 17 सितंबर की रात कुंतरी और धुर्मा गांव में तेज बारिश के बाद हालात बिगड़ गए। शुरुआती जानकारी में बताया गया कि बारह लोग मलबे में दब गए थे। जिनमें से दो के शव बरामद हो चुके हैं। दो लोगों को जिंदा बाहर निकाला गया है। जबकि आठ लोग अब भी लापता हैं। उनकी तलाश की जा रही है। कुंतरी लगाफाली और धुर्मा वार्ड में लगभग तीस मकान और गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बंद रास्तों को जल्द से जल्द खोला जाए। प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया जाए और भोजन व पानी की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कुंतरी लगाफाली के प्रभावित परिवारों के लिए सैती प्राथमिक विद्यालय मरिया आश्रम और पूर्ति निरीक्षक गोदाम में शिविर बनाए गए हैं। धुर्मा गांव के पच्चीस और सेरा गांव के बारह परिवारों के लिए भी शिविर तहसील प्रशासन ने तैयार किए हैं।
