Earthquake : रहे सावधान : आने वाला है सबसे बड़ा भूकंप, भयानक तबाही की आशंका

धरती पर 30 से 35 तक की संख्या में रोज 2.3 की तीव्रता वाले भूकंप आते रहते हैं। वही बीच बीच में 6.5 की तीव्रता…

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धरती पर 30 से 35 तक की संख्या में रोज 2.3 की तीव्रता वाले भूकंप आते रहते हैं। वही बीच बीच में 6.5 की तीव्रता वाला भूकंप आता है तब धरती के हिलने का आभास होता है परंतु यदि जब 7.0 से 9.5 की तीव्रता वाला भूकंप आता है तो तबाही मच जाती है।पूराने समय में तो बहुमंजिला इमारतें नहीं होती थी और शहर की आबादी भी बहुत कम हुआ करती थी लेकिन यदि अब कोई इतनी तीव्रता वाला भूकंप आएगा तो ना जाने क्या होगा।

वैज्ञानिकों का मानना है कि पूर्वोत्तर भारत में शिलांग मैसिफ पहाड़ों के आसपास एक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र है, जहां भारतीय टेक्टोनिक प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है। दूसरा बांग्लादेश, म्यांमार और पूर्वोत्तर भारत के नीचे हिंद महासागर की परत का सबडक्शन है। यहां पर फिर से किसी बड़े भूकंप के आने की आशंका बनी हुई है।होलकर विज्ञान महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य प्रो. राम श्रीवास्तव वेबदुनिया से बातचीत में कहते हैं कि पृथ्वी पर भूकंप हमेशा आते ही रहते हैं। धरती पर 30 से 35 तक की संख्या में रोज 2.3 की तीव्रता वाले भूकंप आते रहते हैं। प्रो. श्रीवास्तव कोलोराडो यूनिवर्सिटी के रॉजर विलहम एवं सिंगापुर यूनिवर्सिटी के पॉल टपोलियर के हवाले से कहते हैं इन दोनों ने ही हिमालय क्षेत्र में भूकंप को लेकर काफी काम किया है। इससे जुड़ी जानकारी नेचर नामक पत्रिका में भी प्रकाशित हुई है।

इन वैज्ञानिकों के मुताबिक 1000 साल में हिमालय की तराई में एक ‘मेगा भूकंप’ आता है, जो कि अब ड्यू हो गया है। रिक्टर पैमाने पर यह भूकंप 8-9 तीव्रता का हो सकता है। यदि ऐसा हुआ तो गंगा के मैदान में बहुमंजिला मकान जमींदोज हो जाएंगे। इससे काफी नुकसान हो सकता है। प्रोफेसर कहते हैं कि चूंकि भूकंप की भविष्यवाणी नहीं हो सकती, लेकिन समय रहते हमें खतरनाक क्षेत्रों का ऑडिट करना चाहिए कि कोई मकान कितना झटका झेल सकता है। इसके लिए हमें किसी भूकंप का इंतजार नहीं करना चाहिएइसके साथ ही वर्तमान के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और योग टीचर जग्गी वासुदेव कहते हैं कि धरती इस वक्त महत्वपूर्ण बदलाव से गुजर रही है। इस वक्त सूर्य पर गतिविधियां बढ़ गई है जिसका सभी ग्रहों के साथ ही धरती पर भी हो रहा है।

2023 के मध्य से 2024 के मध्य तक ये गतिविधि अपने चरम पर होगी। इसके कारण युद्ध, विनाशकारी घटनाएं और भूकंप आने की संभावना बड़ जाती है। क्योंकि धरती की मैग्नेटिक शक्ति और धरती के एकदम भीतर की थर्मल शक्तियां, सब कुछ इन सौर ज्वालाओं से प्रभावित होती हैं।2024 के लिए बाबा वेंगा की वायरल भविष्यवाणी अनुसार धरती का मौसम बुरी तरह प्रभावित होगा। जिसके कारण तापमान में भी परिवर्तन होगा जिससे ठंडी जगह गर्म हो जाएगीं और गर्म जगहें ठंडी हो जाएंगी। साल 2024 में ग्लेशियर पिघलने लगेंगे जिससे समुद्र किनारे बसे हुए शहर जलमग्न हो जाएंगे।