डिजिटल रेप: जानें क्या है यह अपराध और इसके लिए सजा की पूरी जानकारी

गुरुग्राम के एक प्रतिष्ठित निजी अस्पताल में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक गंभीर रूप से बीमार महिला मरीज के साथ ICU में अश्लील…

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गुरुग्राम के एक प्रतिष्ठित निजी अस्पताल में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक गंभीर रूप से बीमार महिला मरीज के साथ ICU में अश्लील हरकत की घटना सामने आई। बताया जा रहा है कि पीड़िता एक एयर होस्टेस है जो इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती थीं और वेंटिलेटर पर थीं। इसी दौरान वहां कार्यरत एक टेक्नीशियन ने उनका शारीरिक शोषण किया। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

यह घटना न सिर्फ अस्पताल की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे गंभीर रूप से बीमार महिला तक असुरक्षित है। जिस तरह से आरोपी ने ICU जैसी सुरक्षित मानी जाने वाली जगह पर इस हरकत को अंजाम दिया, उसने पूरे मेडिकल सिस्टम की जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

इस मामले में जो अपराध हुआ है, उसे कानून की भाषा में ‘डिजिटल रेप’ कहा जाता है, जिसका तात्पर्य किसी व्यक्ति के गुप्तांगों में बिना सहमति अंगुली या किसी वस्तु के प्रवेश से होता है। यह इंटरनेट या डिजिटल तकनीक से जुड़ा शब्द नहीं है बल्कि 2012 के निर्भया कांड के बाद इस प्रकार के कृत्य को बलात्कार की परिभाषा में शामिल किया गया है।

नए कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS) में भी इसे रेप की श्रेणी में रखा गया है। ऐसे मामलों में दोषी को 10 साल की सजा से लेकर उम्रकैद तक हो सकती है। अगर पीड़िता नाबालिग हो, तो यह सजा और सख्त हो जाती है। बावजूद इसके, डिजिटल रेप को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी अब भी बनी हुई है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में कई बार पीड़ित महिलाएं सामाजिक भय के कारण चुप रह जाती हैं और मामला दबा दिया जाता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे अपराधों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ समाज में जागरूकता फैलाना भी जरूरी है, ताकि पीड़ित निडर होकर आगे आ सकें और दोषियों को उनके अपराध की सजा मिल सके।