अब नारी सिर्फ जिम्मेदारी नहीं, सरकारी नौकरी में प्राथमिकता भी है!” उत्तर प्रदेश के योगी सरकार ने महिलाओं के लिए एक ऐसी योजना निकाली है जिससे लाखों घरों की महिलाओं की उम्मीदें जिंदा हो गई हैं।
राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित उत्तर प्रदेश आउटसोर्सिंग सेवा निगम महिलाओं को नौकरी में प्राथमिकता देने की दिशा में क्रांतिकारी कदम साबित हो रहा है। इसकी खास बात यह है की विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को इन भर्तियों में विशेष वरीयता दी जाएगी।
इस योजना का उद्देश्य न केवल रोजगार प्रदान करना है बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि समाज में वंचित वर्ग अब सशक्त बन गया है। सरकार आउटसोर्सिंग भारतीयों में मनमानी को खत्म करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर और आधुनिक तकनीक का सहारा भी लेगी।
किन्हें मिलेगी प्राथमिकता?
विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाएं
निम्न आय वर्ग के अभ्यर्थी
ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले उम्मीदवार
उम्रदराज़ बेरोजगार नागरिक
महिलाओं को मिलेंगी ये खास सुविधाएं
महिला कर्मियों को 180 दिनों का मातृत्व अवकाश (केवल दो बच्चों तक)
विधवा कर्मियों को ₹1000 से ₹2900 तक की आजीवन पेंशन
फोर्थ ग्रेड कर्मियों की बेटियां यदि IIT, IIM, PhD या UPSC में चयनित होती हैं, तो उन्हें एकमुश्त ₹1 लाख की सहायता राशि वेलफेयर फंड से मिलेगी
कैसे होगा चयन?
भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से मेरिट आधारित होगी और इसमें पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। नई प्रणाली के तहत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति बिना किसी भ्रष्टाचार और सिफारिश के होगी।
