नई दिल्ली से शुरू हो रहे घटनाक्रम में कांग्रेस पार्टी एक बार फिर केंद्र सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रही है। गांधी परिवार को निशाना बनाए जाने के आरोपों के बीच पार्टी ने 25 अप्रैल से देशभर में आंदोलन छेड़ने की घोषणा की है। इसी दिन अदालत उस आरोपपत्र पर विचार करेगी, जिसमें नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम शामिल है। यह मामला लंबे समय से चला आ रहा है, लेकिन कांग्रेस का दावा है कि इसके पीछे राजनीतिक मंशा छिपी है।
कांग्रेस नेतृत्व का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए गांधी परिवार को बार-बार निशाना बना रही है। पार्टी का यह भी आरोप है कि यह कार्रवाई उस अधिवेशन की प्रतिक्रिया है, जो कांग्रेस ने 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में आयोजित किया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नीतियों पर तीखा प्रहार किया गया था। राहुल गांधी ने गुजरात को लेकर 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों की बात कही थी, जो सत्तारूढ़ दल के लिए चिंता का विषय बन गया।
16 अप्रैल को कांग्रेस ने इस मुद्दे पर देशव्यापी विरोध जताया था, लेकिन 19 अप्रैल को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा वरिष्ठ नेताओं के साथ समीक्षा बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया कि आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा। अब पार्टी 25 से 30 अप्रैल के बीच ‘संविधान बचाओ’ रैलियां आयोजित करेगी, और मई माह के अंत तक इसे जिले, विधानसभा क्षेत्रों और घर-घर तक ले जाने की योजना पर काम करेगी।
कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि यह महज कानूनी प्रक्रिया नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रतिशोध है। पार्टी का कहना है कि जब-जब कांग्रेस ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया है, तब-तब गांधी परिवार को एजेंसियों के जरिये घेरने की कोशिश की गई है। अब जबकि 25 अप्रैल को अदालत में चार्जशीट पर विचार होना है, कांग्रेस उसी दिन से यह अभियान शुरू करके जनता के बीच अपनी बात मजबूत तरीके से रखना चाहती है।
पार्टी की योजना है कि 21 से 24 अप्रैल के बीच देश के प्रमुख शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएं, ताकि गांधी परिवार को लेकर जनता की राय तैयार की जा सके और केंद्र सरकार के कथित षड्यंत्र को उजागर किया जा सके। पार्टी की कानूनी टीम अदालत में अपना पक्ष रखेगी, लेकिन राजनीतिक मोर्चे पर जनता से संवाद को और प्रभावी बनाने के लिए यह चरणबद्ध आंदोलन चलाया जाएगा। कांग्रेस के मुताबिक, ये सारी कोशिशें सिर्फ एक संदेश देने के लिए हैं – कि गांधी परिवार को दबाया नहीं जा सकता और सच्चाई के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी।