29 जुलाई को भोपाल विधानसभा के बाहर कांग्रेस ने ऐसा प्रदर्शन किया जिसने हर किसी का ध्यान खींचा। सुबह होते ही कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार की अगुवाई में पार्टी के नेता गांधी प्रतिमा के सामने इकट्ठा हुए। कोई हाथ में भैंस की फोटो लिए खड़ा था तो कोई बीन बजा रहा था। कुछ नेताओं ने हाथों में तख्तियां थाम रखी थीं जिन पर लिखा था – भैंस के आगे बीन बीजेपी की यही मशीन। इन नारों के साथ कांग्रेस विधायकों ने सरकार की चुप्पी और जनहित के मुद्दों पर बेरुखी के खिलाफ विरोध जताया। उमंग सिंघार ने आरोप लगाते हुए कहा कि अब बीजेपी सरकार भैंस बन गई है। न कुछ सुनती है न ही कुछ बोलती है। जैसे भैंस के आगे बीन बजाने से कोई असर नहीं होता वैसे ही इस सरकार से सवाल पूछने का भी कोई फायदा नहीं है।
कांग्रेस ने इस प्रदर्शन के जरिए सरकार को बेरोजगारी OBC आरक्षण और लाड़ली बहना योजना जैसे मुद्दों पर घेरा। सिंघार ने साफ कहा कि युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं किसान बेहाल हैं लेकिन सरकार आंख मूंदे बैठी है। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में OBC को 27 फीसदी आरक्षण देने और जातिगत जनगणना कराने की मांग को लेकर भी आवाज़ उठाई। इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के कई वरिष्ठ विधायक मौजूद थे। उधर बीजेपी ने कांग्रेस के इस तरीके को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक ड्रामा है। उनका कहना है कि कांग्रेस के पास असली मुद्दे नहीं हैं इसलिए इस तरह की नौटंकी कर रही है। हालांकि इस प्रदर्शन के बाद विधानसभा के भीतर बहस और भी तीखी हो सकती है। सोशल मीडिया पर भी कांग्रेस के इस अनोखे विरोध की खूब चर्चा हो रही है। कोई इसे जनता की आवाज़ बता रहा है तो कोई इसे नौटंकी करार दे रहा है। मगर एक बात तय है कि भैंस और बीन की ये राजनीति अब मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में लंबे वक्त तक गूंजेगी।
