रामनगर में फिटनेस जांच को लेकर कमर्शियल वाहनों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, 21 सितंबर से पूरे कुमाऊं में थम सकती है टैक्सी सेवा

रामनगर में वाहनों की फिटनेस जांच को लेकर चल रहा विवाद अब अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल गया है। गुरुवार से सभी व्यावसायिक वाहन मालिकों ने…

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रामनगर में वाहनों की फिटनेस जांच को लेकर चल रहा विवाद अब अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल गया है। गुरुवार से सभी व्यावसायिक वाहन मालिकों ने गाड़ियां पूरी तरह से खड़ी कर दी हैं। इस कारण आम लोगों के साथ साथ बाहर से घूमने आए सैलानियों को भी भारी परेशानी उठानी पड़ी है।

गुरुवार 18 सितंबर को पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत रामनगर के वाहन स्वामियों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया। उनका कहना है कि पहले फिटनेस जांच रामनगर के सहायक परिवहन कार्यालय में न्यूनतम दरों पर हो जाती थी। लेकिन अब इसे रामनगर से हटाकर हल्द्वानी कर दिया गया है। इससे उन्हें अतिरिक्त सफर करना पड़ रहा है और शुल्क भी तीन से चार गुना ज्यादा देना पड़ रहा है।

वाहन मालिकों का कहना है कि पहले स्थानीय स्तर पर फिटनेस जांच आसान थी। लेकिन अब हल्द्वानी जाकर करवानी पड़ रही है जिससे खर्च बढ़ गया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो 21 सितंबर से पूरे कुमाऊं मंडल में टैक्सी सेवा बंद कर दी जाएगी।

हड़ताल का असर गुरुवार को साफ दिखा। रामनगर बस अड्डा पूरी तरह सूना पड़ा रहा। सड़क पर यात्री जरूर थे लेकिन गाड़ियां नहीं चलीं। आम लोगों के साथ पहाड़ों की ओर जाने वाले यात्रियों को भी खासी दिक्कत झेलनी पड़ी। सबसे ज्यादा परेशानी कॉर्बेट नेशनल पार्क घूमने आए सैलानियों को हुई। कई पर्यटक वाहनों का इंतजार करते रहे लेकिन सफारी और पर्यटन स्थलों तक पहुंचना मुश्किल हो गया।

जिप्सी यूनियन के अध्यक्ष जगदीश छिम्वाल ने कहा कि सरकार और विभाग ने अब तक वाहन मालिकों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया। लंबे समय से आंदोलन जारी है लेकिन आश्वासन तक नहीं मिला। जब तक रामनगर में पहले की तरह फिटनेस जांच बहाल नहीं होती तब तक हड़ताल खत्म नहीं होगी।

यात्रियों ने भी नाराजगी जताई। उनका कहना है कि अचानक हुई हड़ताल ने उनकी योजनाओं को बिगाड़ दिया। किसी को जरूरी काम से हल्द्वानी जाना था तो कोई पहाड़ में अपने रिश्तेदारों से मिलने जा रहा था लेकिन वाहन बंद होने से सभी फंस गए।

करीब पैंतालीस दिन से यह विवाद जारी है। वाहन स्वामी लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार और परिवहन विभाग चुप हैं। अब देखना होगा कि चेतावनी के बाद सरकार क्या कदम उठाती है। अगर समाधान जल्द नहीं निकला तो हड़ताल और बड़ी हो सकती है और इसका असर पूरे कुमाऊं मंडल के यात्रियों और पर्यटकों पर पड़ेगा।