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शाबास : एक साल में तीन अंतर्राष्ट्रीय पदक एक स्वर्ण एक रजत व एक कांस्य जीतकर लक्ष्य ने रचा इतिहास

Newsdesk Uttranews
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बी डब्लू ऍफ़ वर्ल्ड जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप कनाडा में लक्ष्य को मिला कांस्य पदक

स्पोर्टस डेस्क उत्तरा न्यूज

अल्मरमार्कहाम (कनाडा) में आयोजित हुई बी डब्लू ऍफ़ वर्ल्ड जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में लक्ष्य सेन ने वर्ष का तीसरा पदक कांस्य जीतकर उत्तराखंड व देश का नाम रोशन किया है।

भारत के अनुभवी जूनियर बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने सात साल का सूखा समाप्त करते हुए यहां जारी विश्व जूनियर चैम्पियनशिप में एकमात्र मेडल हासिल किया। लक्ष्य को पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में हार मिली। लेकिन वह ब्रॉन्ज मेडल हासिल करने में सफल रहे। उत्तरांचल स्टेट बैडमिंटन संघ के उपाध्यक्ष बी एस मनकोटी ने यह जानकारी दी। उन्होने बताया कि  भारत के 17 वर्षीय खिलाड़ी लक्ष्य को सेमीफाइनल में थाईलैंड के कुनलावुत वितिदसार्न ने 20-22, 21-16, 21-13 से मात दी। इस हार के कारण भारतीय खिलाड़ी को ब्रॉन्ज मेडल से ही संतोष करना पड़ा। लक्ष्य ने एशियन चैंपियनशिप के फाइनल में थाईलैंड के इसी खिलाडी को फाइनल में सीधे सेटों से हराकर स्वर्ण पदक जीता था। विश्व जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में इस साल लक्ष्य के द्वारा भारत को एकमात्र मेडल हासिल हुआ है। इस चैम्पियनशिप में सात साल पहले समीर वर्मा ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था।

इसके अलावा बी. साई प्रणीत ने 2010 में ब्रॉन्ज मेडल ही जीता था। इस चैम्पियनशिप का एक मात्र स्वर्ण मेडल भारत की सबसे अनुभवी बैडमिटन खिलाड़ी सायना नेहवाल के नाम है। उन्होंने 2008 में यह उपलब्धि हासिल की थी।

इस वर्ष का पहला पदक लक्ष्य ने एशियन चैंपियनशिप में ऐतिहाशिक स्वर्ण पदक जीतकर लिया था। उसके बाद लक्ष्य ने यूथ ओलिंपिक में रजत पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया उसके उपरान्त विश्व जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में साल का तीसरा पदक कांस्य जीतकर सफलता का नया इतिहास रच दिया।

लक्ष्य सेन अपनी सफलता का श्रेय अपने स्वर्गीय दादाजी श्री सी एल सेन , कोच पिता श्री डी के सेन व अपने मेंटर प्रकाश पादुकोण व विमल कुमार सर को दिया है।

उत्तराखंड बैडमिंटन परिवार ने लक्ष्य के गौरवमयी सफलता पर उनका भव्य सम्मान समारोह आयोजित करने की बात कही है। तथा उत्तराखण्ड सरकार से लक्ष्य की विशिष्ट उपलब्धि पर विशेष सम्मान प्रदान करने हेतु आग्रह करने का ​भी निर्णय लिया है।

सम्पूर्ण उत्तराखंड बैडमिंटन परिवार व सभी खेल प्रेमियों ने लक्ष्य की उत्कृष्ट उपलब्धि पर प्रसन्नता व गर्व व्यक्त करते हुए लक्ष्य व उनके माता निर्मला धीरेन सेन तथा कोच पिता श्री डी के सेन को बधाईया दी है।