दुखद: संयोग – खत्म हुई भिकियासैंण विधानसभा, प्रतिनिधित्व करने वाले दोनों विधायक (MLA) भी दिवंगत

Newsdesk Uttranews
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Sad: Coincidence – both MLA representing Bhikiyasain Assembly have also ended

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भिकियासैंण, 12 नवंबर 2020- सल्ट विधायक (MLA) सुरेन्द्र सिंह जीना के निधन से भिकियासैंण, सल्ट, स्याल्दे क्षेत्र में शोक की लहर है |

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सबसे दुख:द घटना क्रम यह रहा कि भिकियासैंण क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने दोनो ही विधायक (MLA)दिवंगत हो गए हैं| खुद 2008 में विधानसभा भिकियासैंण अस्तित्व भी खत्म हो गया| हृदयविदारक बात यह है कि 16 दिन पहले यानि 27 अक्टूबर को उनकी पत्नी नेहा जीना का भी देहांत हो गया था|

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MLA

हर जगह पर लोग उनको राजनेता के साथ ही  परिवार का सदस्य मानते थे उनका मिलनसार स्वभाव ही लोगों को उनके ओर खींचता था। तहसील अन्तर्गत नैटी गांव में धना देवी व स्व प्रताप सिंह जीना के घर में सुरेन्द्र सिंह जीना ने 8 दिसम्बर 1969 को जन्म लिया था चार भाई बहिनों में सुरेन्द्र सबसे छोटे थे। इनके दो बड़े भाई एवं एक बड़ी बहिन है जो दिल्ली में ही रहते हैं।

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विधायक (MLA) सुरेन्द्र सिंह जीना का दिल्ली निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया|अपने पीछे दो बेटे प्रतीक (19)व हर्षित (16) तथा बूढ़ी मां को छोड़ गये है। प्रतीक न्यूजीलैंड में स्नातक कोर्स तथा हर्षित दिल्ली में बारहवीं की पढ़ाई कर रहा है। बचपन में सभी भाई बहिनों का जन्म ग्रामीण परिवेश में होने के बाद भी सदा गांव से लगाव बना रहा। राजनीति में आने से पूर्व दिल्ली में कारोबार में तीनों भाइयों की अहम भूमिका रही है।छात्र जीवन से ही राजनीति से प्रेरित होकर उन्होंने पहाड़ को ही राजनीति क्षेत्र के लिए चुना। उन्होंने 1988 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ली।

2001 में भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष पूरन शर्मा से भाजपा की सदस्यता लेने के बाद उन्होंने भिकियासैंण, सल्ट, स्याल्दे क्षेत्र में सामाजिक कार्यों में भागीदारी शुरू कर दी। लोगों से जुड़ाव के कारण 2007 में भाजपा के टिकट पर भिकियासैंण विधानसभा चुनाव लड़कर पहली बार विधानसभा पहुंचे।तथा 2009 में कुमाऊं मण्डल विकास निगम के चेयरमैन बनाये गये। भिकियासैंण विधानसभा खत्म होने पर उन्होंने 2012 का चुनाव सल्ट विधानसभा से लड़कर दूसरी बार जीत दर्ज की।2017में भी सल्ट विधानसभा से चुनाव लड़कर तीसरी बार विधायक बने।

इस बार विधानसभा क्षेत्र के लोगों को मंत्रीमंडल में उनको शामिल किए जाने की उम्मीदें थीं लेकिन ऊपर वाले ने कुछ और ही मंजूर थी|

चैरेटेबल ट्रस्ट के माध्यम से करते थे जन सेवा MLA

भिकियासैंण। सुरेंद्रसिंह जीना ने समाज के बीच बनायी पैठ को कभी नहीं भूला जा सकता है। अपने पिता स्वर्गीय प्रतापसिंह जीना के नाम पर प्रतापसिंह जीना चैरटेबिल ट्रस्ट बनाकर समाज की दो दशक से लगातार सेवा की है।
दिवगंत जीना ने पिता के नाम से बनाये गये ट्रस्ट से असहाय व गरीब लोगों की लगातार मदद की है तो अनेको गरीब बच्चों की पढाई का जिम्मा भी अपने जेब के खर्च से पढाई पूरी होने तक उठाया है। उनके पास जो भी दुखी आया व कभी निराश होकर नहीं लौटा उसकी हाथों हाथ आर्थिक मदद करने में कभी पीछे नहीं हटे।

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दुखद संयोग MLA

भिकियासैंण। उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद भिकियासैंण विधानसभा अस्तित्व में आयी लेकिन दो विधान सभा चुनाव के बाद हुये परिसमन के बाद यह सीट 2012 के चुनावों से पहले समाप्त हो गयी व विधान सभा क्षेत्र रानीखेत, सल्ट व द्वाराहाट में मर्ज हो गया। भिकियासैंण के पहले विधायक वर्ष 2002 में काग्रेस पार्टी से डा.प्रतापसिंह बिष्ट चुने गये जबकि 2007 के चुनाव में बिष्ट को भाजपा के सुरेंद्र जीना ने पराजित कर जीत हासिल की लेकिन इसे संयोग ही कहा जायेगा दोनों ही इस असमय दुनिया को अलविदा कर चुके हैं।

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