नैनीताल: जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव विवाद पर सोमवार को नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। लेकिन मामले पर कोई अंतिम फैसला नहीं हो सका। अब मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और जस्टिस आलोक मेहरा की डबल बेंच इस पर मंगलवार, 19 अगस्त को फिर से सुनवाई करेगी।
⚖️ कोर्ट में क्या हुआ आज?
सुनवाई के दौरान रिपोलिंग को लेकर बहस हुई, लेकिन कोई निर्णय नहीं निकला। चुनाव के दिन जबरन उठाए गए 5 जिला पंचायत सदस्यों को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया, हालांकि उनसे कोई पूछताछ नहीं हुई। कोर्ट ने कहा कि मामले की गहन सुनवाई कल भी जारी रहेगी।
🚨 चुनाव के दिन की घटनाओं पर चिंता
कोर्ट ने मतदान केंद्र से 200 मीटर की दूरी पर हथियारबंद गिरोह की मौजूदगी को गंभीर माना और इसे पुलिस की असफलता बताया। SSP नैनीताल से इस संबंध में विस्तृत शपथ पत्र मांगा गया है। जिलाधिकारी वंदना ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट को बताया कि 15 अगस्त की सुबह 3 बजे मतगणना नियमानुसार हुई और मतपत्र ट्रेजरी के लॉकर में सुरक्षित रखे गए थे, जिन्हें कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने DM से भी शपथ पत्र मांगा है।
📌 कांग्रेस ने दायर की नई रिट
कांग्रेस की ओर से सोमवार को नई रिट फाइल की गई, जिसमें नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए पुनर्मतदान (Re-Polling) की मांग की गई है।
📽️ वीडियो साक्ष्य भी देखे कोर्ट ने
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कई वीडियो देखे। जिनमें रेनकोट पहने लोग 5 सदस्यों को जबरन घसीटते हुए ले जाते दिख रहे हैं। सोशल मीडिया पर “नैनीताल को हिला डाला” शीर्षक से डाले गए वीडियो को भी कोर्ट ने देखा और इस पर गहरी चिंता जताई।
🚔 कोर्ट परिसर में कड़ी सुरक्षा
SSP ने आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है। हाईकोर्ट परिसर और आसपास के इलाकों में धारा 144 लागू है और भारी पुलिस बल तैनात है।
👉 अब सबकी निगाहें कल की सुनवाई पर हैं, जब कोर्ट यह तय करेगा कि नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में रिपोलिंग होगी या नहीं।
कोर्ट ने एसएसपी से पूछा कि जब ये हंगामा हो रहा था तो पुलिस फोर्स कहां थी? शहर में हिस्ट्रीशीटर क्या कर रहे थे? क्या हम अंधे हैं?।
⚖️ कोर्ट में हुई सख्त टिप्पणी
हाईकोर्ट ने SSP से साफ पूछा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त क्यों रही। कोर्ट ने यह भी कहा कि “अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं और पुलिस सिर्फ मूकदर्शक बनी रही।”
आरोपी नेताओं पर गिरफ्तारी का खतरा
जिन नेताओं पर हिंसा और गड़बड़ी के आरोप हैं, उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। हाईकोर्ट की कड़ी नाराज़गी के बाद उनकी गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। कोर्ट की फटकार के बाद SSP ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि 24 घंटे के भीतर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
