जिला पंचायत के अध्यक्षों का आरक्षण अभी तय नहीं हो पाया है। पिछले कार्यकाल में यह सीट महिला आरक्षित हो चुकी है। इससे पूर्व 2008 से 2013 के कार्यकाल में यह एससी के लिए आरक्षित थी यानी लगातार दो कार्यकाल में यह पद आरक्षित हो चुका है। ऐसे में जहां कई दावेदार इस सीट के सामान्य होने की उम्मीद में थे तो राजनीतिक परिदृष्यों के चलते अब इस सीट के एससी महिला आरक्षित होने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। ऐसे में कई नेताओं के समीकरण बिगड़ने की स्थिति में हैं। हालांकि जब तक आरक्षण तय नहीं हो जाता तब तक पूरी स्थिति साफ नहीं हो सकती लेकिन कयासों के बीच ही इन दिनों राजनीति खूब गर्मा रही है।
अल्मोड़ा में जिला पंचायत सदस्यों की एससी महिला के लिए छह पद हैं। भाजपा ने 5 पदों पर समर्थित प्रत्याशी उतारे हैं। कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। अन्य निर्दलियों को दिए गए समर्थन पर भी दलों की नजर है। लेकिन इस बीच कांग्रेस के एक दिग्गज नेता के भाजपा में शामिल होने की चर्चाओं ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। सूत्रों के मुताबिक उक्त दिग्गज नेता अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं और भाजपा के कई नेताओं से इस संबंध में उनकी बातचीत हो चुकी है लेकिन भाजपा के कुछ नेता बिना भाजपा में शामिल हुए उन्हें यह पद देने के मूड में नहीं हैं। भाजपा की इसी शर्त के चलते हॉ ना जैसी स्थिति पैदा हो रही है।