उबलते छोले के भगोने में गिरने से 18 महीने की बच्ची की मौत, दो साल पहले बड़ी बहन की भी ऐसे ही गई थी जान

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के दुद्धी इलाके से एक बेहद दर्दनाक और झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। एक गरीब परिवार की मासूम…

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उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के दुद्धी इलाके से एक बेहद दर्दनाक और झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। एक गरीब परिवार की मासूम बच्ची की जान उस वक्त चली गई जब वह उबलते छोले के भगोने में गिर पड़ी। यह हादसा शनिवार की रात हुआ। बताया जा रहा है कि घर में ही रहने वाला यह परिवार चाट बेचकर अपना गुजारा करता है। उस रात बच्ची के मां बाप गोलगप्पे और चाट का सामान तैयार करने में लगे थे।

बच्ची की मां रसोई में छोले चढ़ाकर किसी काम से कुछ देर के लिए दूसरे कमरे में चली गई। पीछे से उनकी छोटी बेटी जो करीब अठारह महीने की थी वह खेलते खेलते रसोई तक पहुंच गई। किसी को कुछ समझ में आता उससे पहले वह सीधे गर्म छोले के भगोने में गिर गई। उसकी चीख सुनकर मां दौड़ती हुई आई और उसे झट से बाहर निकाला लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।

परिवार बच्ची को लेकर तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचा। वहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया लेकिन हालत इतनी खराब थी कि डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद बच्ची को बचाया नहीं जा सका। शनिवार की रात उसने दम तोड़ दिया। इस परिवार की किस्मत का दर्द यहीं खत्म नहीं हुआ क्योंकि दो साल पहले इसी घर की बड़ी बेटी की भी जान इसी तरह के हादसे में गई थी। वह दाल के भगोने में गिरकर चल बसी थी।

पुलिस को जब इस हादसे की जानकारी मिली तो वह मौके पर पहुंची। परिवार ने बच्ची का अंतिम संस्कार पुलिस को बताए बिना कर दिया था। पूछताछ में यह साफ हुआ कि यह पूरी तरह से एक हादसा था। दुद्धी सर्किल अधिकारी राजेश कुमार राय ने बताया कि परिवार की तरफ से किसी तरह की लापरवाही या साजिश नजर नहीं आई। इसलिए कोई केस दर्ज नहीं किया गया।

यह घटना सिर्फ एक दुखद हादसा नहीं बल्कि हर उस घर के लिए एक चेतावनी है जहां छोटे बच्चे पल रहे हैं। खासकर तब जब घर में रसोई का काम चल रहा हो। जरा सी अनदेखी जानलेवा साबित हो सकती है।