नेपाल में पिछले तीन दिन से लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं और दबाव इतना बढ़ गया कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को पद छोड़ना पड़ा। आंदोलन अभी भी थमा नहीं है और राजधानी से लेकर कई शहरों तक इसका असर दिख रहा है।
इधर नेपाल का संकट खत्म भी नहीं हुआ था कि फ्रांस में भी हालात बिगड़ गए। वहां लोगों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और इस प्रदर्शन को ब्लॉक एवरीथिंग नाम दिया गया है। बुधवार सुबह पेरिस और अन्य बड़े शहरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। नकाबपोश भीड़ ने कचरे के डिब्बे और बैरिकेड लगाकर सड़कें रोक दीं। बोर्डो और मार्सिले में भीड़ ने चौराहों पर कब्जा कर लिया और पुलिस पर बोतलें और फ्लेयर्स फेंके। पेरिस के गारे दू नॉर रेलवे स्टेशन पर भी हमला हुआ।
राजधानी में दो सौ से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस का कहना है कि ये लोग सार्वजनिक व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे। प्रशासन को आशंका है कि जैसे जैसे दिन बढ़ेगा भीड़ और उग्र हो सकती है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अभी एक दिन पहले ही सेबास्टियन लेकोर्नू को प्रधानमंत्री बनाया है जिन्होंने फ्रांस्वा बायरो की जगह ली है। बायरो को विश्वास मत हारने के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। उनकी ओर से लाई गई पैंतीस अरब पाउंड की कटौती योजना जनता को रास नहीं आई और सरकार गिर गई। अब फ्रांस में हालात बेकाबू होते दिख रहे हैं। सरकार ने अस्सी हजार से ज्यादा पुलिस और सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारी रेल और सड़क यातायात रोक रहे हैं और तेल डिपो सुपरमार्केट और पेट्रोल पंपों पर धावा बोल रहे हैं।
