अल्मोड़ा, 16 अगस्त 2021— राजकीय बालगृह शिशु सदन अल्मोड़ा में रह रहा एक मासूम उपचार के अभाव में दर्द से तड़प रहा है। मई माह में पैदा हुए इस बच्चे को पैदा होने के बाद पिथौरागढ चाइल्ड लाइन व सीडब्लूसी के अनुरोध पर अल्मोड़ा शिशु गृह में रखा गया था।
जानकारी के अनुसार अल्मोड़ा शिशु गृह में इस बच्चे का स्वास्थ्य जब बिगड़ने लगा तब उसे अस्पताल दिखाया गया जहां डाक्टरों ने उसके सर में गंभीर बीमारी होने और तत्काल हायर सेंटर भेजने को कहा। सीडब्ल्यूसी के आदेश पर इसे पहले अल्मोड़ा फिर हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल भेजा गया।
यहां भी दो अलग अलग जिलों के डीपीओ की कार्रवाही में समय भी लगा लेकिन सुशीला में एडमिट हो जाने के बाद उपचार की उम्मीद बंध गई थी पर यहां भी अस्पताल प्रशासन ने भी बच्चे को 30 जुलाई को हायर सेंटर ले जाने को कहा और रैफर कर दिया। और पता चला है कि अस्पताल की सलाह पर बच्चे को हायर सेंटर ऋषिकेष एम्स ले जाया गया और अब ऋषिकेश एम्स से भी इस बच्चे को वापस भेज दिया गया है।
अब विभाग के अधिकारी बच्चे को वापस ले आए हैं। जानकारी के अनुसार सर की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। और बच्चे को तत्काल और तुरंत अच्छे उपचार की जरूरत है। यहां यह बात भी महत्वपूर्ण है कि बेहतर उपचार बच्चे का प्राकृतिक हक है। और जब वह सरकारी संरक्षण में रह रहा हो तो सरकार और विभाग की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। मीडिया समाचारों के अनुसार बच्चे के सिर में पानी भरा है और पिछले दो माह से अधिक समय से उपचार चल रहा है।
इधर अब पूरी उम्मीद सरकार की पहल पर टिकी हुई है। कहा जा रहा है कि जल्द बच्चे को समुचित उपचार नहीं मिला तो उसकी जान बचा पाना मुश्किल होगा। जिला अल्मोड़ा के प्रोबेशन विभाग 2 अगस्त को एम्स ऋषिकेश प्रशासन को अपनी ओर से पत्र भी लिख चुका है। लेकिन जब थक हार को प्रोबेशन विभाग की टीम बच्चे को वापस अल्मोड़ा ले आई है अब सारी उम्मीद सरकार पर टिक गई है। बाल विकास मंत्री रेखा आर्या से भी सार्थक पहल की उम्मीद की जा रही है।
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