अल्मोड़ा: अंकिता भंडारी प्रकरण को लेकर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता त्रिलोक लटवाल ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि जिस तरह इस मामले में एक कथित वीआईपी का नाम सामने आने के बावजूद पार्टी के कई लोग मूकदर्शक बने हुए हैं और कुछ नेता उस व्यक्ति को जन्मदिन की बधाई तक दे रहे हैं, उससे उन्हें गहरा आघात पहुंचा है।
त्रिलोक लटवाल ने फेसबुक में लिखी एक पोस्ट के माध्यम अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने 37 वर्षों तक जिस पार्टी को अपना जीवन दिया, उसी पार्टी के भीतर इस तरह का रवैया देखकर उन्हें शर्म महसूस हो रही है। उन्होंने कहा कि उनकी भी बेटी है और अंकिता भी उनकी बेटी जैसी थी, इसलिए वह अब खुलकर अंकिता के न्याय की लड़ाई लड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि अंकिता को न्याय दिलाने के उद्देश्य से वह भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं और अब किसी भी राजनीतिक दबाव से मुक्त होकर इस प्रकरण में अपनी आवाज बुलंद करेंगे। उनका कहना है कि यह लड़ाई राजनीति से ऊपर उठकर एक बेटी को न्याय दिलाने की है।
गौरतलब है कि त्रिलोक लटवाल लंबे समय से संगठन और सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं। वह 1997-1998 में अल्मोड़ा छात्र संघ के उपाध्यक्ष रहे। इसके बाद भाजपा अल्मोड़ा जिला उपाध्यक्ष, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजयुमो उत्तराखंड, जिला अध्यक्ष भाजयुमो अल्मोड़ा, जिला उपाध्यक्ष भाजयुमो अल्मोड़ा, छात्र संघ उपाध्यक्ष शोभन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा, सरपंच वन पंचायत देवली, क्षेत्र पंचायत सदस्य दुगालखोला (विकास खंड हवालबाग), जिला सहकारी बैंक अल्मोड़ा के पूर्व डायरेक्टर तथा जिला बाल कल्याण समिति अल्मोड़ा के सदस्य रह चुके हैं।
अंकिता भंडारी प्रकरण को लेकर उनके इस कदम को राजनीतिक और सामाजिक दोनों दृष्टि से अहम माना जा रहा है।इधर इस मामले को लेकर भाजपा के अंदर घमासान शुरू होना तय माना जा रहा है। राज्य में एक जिला पंचायत सदस्य ने भी भाजपा के वरिष्ठ नेता का नाम आने के बाद कल ही इस्तीफे की घोषणा की थी।
