उत्तराखंड में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सियासी माहौल गर्म रहा है। शुक्रवार को हाईकोर्ट में उस मामले की सुनवाई होगी जिसमें एक निरस्त मत में छेड़छाड़ के आरोप लगे थे। जांच में यह आरोप गलत साबित हुआ। गुरुवार को हाईकोर्ट की टीम जिला कार्यालय पहुंची और मामले की पड़ताल की। कलेक्ट्रेट में पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। याचिकाकर्ता पूनम बिष्ट के वकीलों ने चीफ जस्टिस कोर्ट में कहा कि मतगणना में गड़बड़ी हुई और एक मत में छेड़छाड़ की गई थी।
भाजपा और कांग्रेस के बीच जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर चल रही लड़ाई में हर दिन नया मोड़ आ रहा है। मतदान के दिन पांच सदस्यों के अगवा होने की घटना ने सियासी माहौल को गर्म कर दिया था लेकिन अगवा सदस्यों ने वीडियो जारी कर खुद सुरक्षित होने की जानकारी दी और आरोपों को हवा से उड़ा दिया। भाजपा कांग्रेस नेताओं और जिला पंचायत सदस्यों के परिजनों की तहरीर पर भाजपा जिलाध्यक्ष समेत 11 नेताओं और कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य समेत दो अन्य विधायकों और एक पूर्व विधायक पर मुकदमा दर्ज किया गया।
हाईकोर्ट के आदेश में केवल कानून व्यवस्था के मामले पर टिप्पणी हुई और निर्वाचन प्रक्रिया पर कोई आदेश नहीं दिया गया। राज्य निर्वाचन आयोग के परामर्श पर जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का परिणाम घोषित किया गया। भाजपा की दीपा दरमवाल ने कांग्रेस की पुष्पा नेगी को एक मत से पराजित किया। कुल 22 मतों में से दीपा को 11, पुष्पा को दस और एक मत निरस्त हुआ। उपाध्यक्ष पद में बहादुर नगदली और देवकी बिष्ट को 11-11 मत मिले। टॉस के जरिए कांग्रेस की देवकी को विजयी घोषित किया गया।
