हिंदू धर्म के 18 महापुराण में गरुड़ पुराण का विशेष महत्व है। इसमें जन्म से लेकर मृत्यु के बाद तक की स्थितियों का वर्णन किया गया है। इसमें भगवान विष्णु और उनके वाहन गरुड़ के बीच संवाद को जीवन के सिद्धांतों की तरह अपनाया गया है।
गरुड़ पुराण के अनुसार मनुष्य जैसा कर्म करता है उसको वैसा ही फल मिलता है। इन फलों का भोग सिर्फ इस जन्म में ही नहीं बल्कि अगले जन्म में भी भोगना पड़ता है
गरुड पुराण के अनुसार आचरण और चरित्र पर विस्तार से बताया गया है ऐसे में लिए जानते हैं कि गरुड़ पुराण के अनुसार कैसे लोगों का जन्म रेंगने वाले जीव में जन्म लेते हैं।
गरुण पुराण के अनुसार जो व्यक्ति अनुचित और अपवित्र कार्य करता है उसे नरक की यातनाए मिलती हैं और वह जहरीले या नीच प्राणियों की योनि में जन्म लेता है। यही नहीं जो पुरुष किसी महिला का शारीरिक शोषण करता है उसे नर्क में जाना पड़ता है और अगले जन्म में अजगर का रूप लेकर भयानक कष्ट झेलना पड़ता है।
गरुड़ पुराण के अनुसार जो व्यक्ति अपने गुरु की पत्नी से अवैध संबंध रखता है वह अगले जन्म में गिरगिट यानी छिपकली बनता है। ऐसे लोग रेंगेने वाले जीव की योनि में जन्म लेकर भी अनेक प्रकार की यातनाओं को झेलते हैं। इसलिए किसी भी इंसान को अपने गुरु की पत्नी के साथ संबंध नहीं बनाना चाहिए और न ही इस बारे में सोचना चाहिए।
गरुण पुराण के अनुसार दोस्त की पत्नी के साथ संबंध बनाना महा पाप है जो लोग अनजाने में भी मित्र की पत्नी के साथ गलत संबंध बनाते हैं। उन्हें अगले जन्म में गधे की योनि मिलती है। ऐसे में भयानक कष्ट को भोगने के लिए आत्मा विवश हो जाती है। इसके लिए मनुष्य को अपने मित्र की पत्नी के साथ अनैतिक संबंध और विचार नहीं करने चाहिए।
गरुड़ पुराण की मानें तो जो पुरुष महिलाओं का सम्मान नहीं करते, उनसे दुर्व्यवहार या मारपीट करते हैं, वे अगले जन्म में नपुंसक बनते हैं. ऐसे लोग अगले जन्म में भी सुख-चैन से नहीं रह पाते हैं और अनेक प्रकार की यातनाओं को झेलते हैं।
गरुड़ पुराण के अनुसार अगर विवाहित महिला किसी पराए पुरुष के संबंध बनाए तो उसे नरक की यातनाए मिलती हैं और अगले जन्म में उसको छिपकली, सांप, चमगादड़ का जन्म मिलता है। इसके साथ ही इस जन्म में भी उसे भयंकर कष्ट झेलना पड़ता है।
गरुड़ पुराण के अनुसार, नरक की यातनाओं से मुक्ति और इंसान की योनि में पुनर्जन्म पाने के लिए हमेशा अच्छे और पुण्य कर्म करने चाहिए। वहीं, जो कोई गरुड़ पुराण के सिद्धांतों का पालन करता है, उसे पुण्य की प्राप्ति होती है और नरक का कष्ट नहीं भोगना पड़ता है।
