हरिद्वार के चंडी घाट पुल के पास देर रात एक दर्दनाक हादसा हो गया। गौरी शंकर पार्किंग इलाके में एक झोपड़ी में आग लग गई। आग इतनी भयानक थी कि झोपड़ी के अंदर सो रहे दो मासूम भाई उसकी चपेट में आ गए। तीन साल का कृष्णा जलकर दम तोड़ बैठा। चार साल का मुन्ना बुरी तरह झुलस गया। उसे गंभीर हालत में पहले जिला अस्पताल पहुंचाया गया। फिर वहां से एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया है।
यह झोपड़ी सोनू नाम के व्यक्ति की थी। वह बिहार के पटना जिले के पाडलीगंज इलाके का रहने वाला है। अपने परिवार के साथ वह यहां रोजी रोटी की तलाश में आया था। गौरी शंकर पार्किंग क्षेत्र में उसने अस्थायी झोपड़ी बनाकर रहना शुरू किया था। रात में उसने अपने दोनों छोटे बेटे कृष्णा और मुन्ना को झोपड़ी के अंदर सुला दिया था। खुद वह अपनी पत्नी सुनीता और दो बेटियों नंदिनी और मुस्कान के साथ बाहर सो रहा था।
रात में झोपड़ी में रोशनी के लिए मोमबत्ती जलाई गई थी। आशंका है कि मोमबत्ती गिर गई और धीरे धीरे आग पकड़ ली। जब तक परिवार कुछ समझ पाता झोपड़ी धू धू कर जलने लगी। शोर मचने पर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। पुलिस को खबर दी गई। थानाध्यक्ष नितेश शर्मा फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। फायर ब्रिगेड भी बुलाई गई। आग पर काबू पा लिया गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
तीन साल का कृष्णा बुरी तरह जल चुका था। मौके पर ही उसकी जान चली गई। चार साल का मुन्ना भी आग की चपेट में आ गया। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। वहां से डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया। डॉक्टरों के मुताबिक मुन्ना लगभग तीस फीसदी जल चुका है। उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
घटना की खबर मिलते ही क्षेत्राधिकारी नगर शिशुपाल सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया। पीड़ित परिवार को प्रशासन की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। फॉरेंसिक टीम ने भी मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। शुरुआती जांच में आग लगने की वजह मोमबत्ती मानी जा रही है। पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है।
