करूर में शनिवार को चुनावी रैली के दौरान हुई भगदड़ ने पूरे तमिलनाडु को हिला कर रख दिया है। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें आठ बच्चे और सोलह महिलाएं शामिल हैं। मौके पर फैली अफरा-तफरी में घायल हुए पचानवे लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इनमें इक्यावन मरीजों को सरकारी मेडिकल कॉलेज में और बाकी को निजी अस्पतालों में इलाज मिल रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक सभी की हालत स्थिर बताई जा रही है।
तमिलगा वेत्री काजहाम पार्टी के नेता और अभिनेता विजय की मौजूदगी में यह रैली आयोजित की गई थी। पुलिस का कहना है कि विजय के आने में देरी होने से भीड़ अचानक बढ़ गई और हालात बेकाबू हो गए। भगदड़ की वजहों को जानने के लिए पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और शुरुआती जांच जारी है। साथ ही इस बात की भी पड़ताल की जा रही है कि कहीं यह हादसा किसी साजिश का नतीजा तो नहीं है।
घटना के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुए दृश्य बेहद भयावह हैं। तस्वीरों में मैदान में बिखरी चप्पलें और सामान साफ दिखाई दे रहे हैं। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस हादसे को राज्य के राजनीतिक इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी करार दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी दल की रैली में आज तक इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जान नहीं गंवाई। स्टालिन ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित करने का आदेश दिया है और भरोसा दिलाया है कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए दस लाख रुपये और घायलों के लिए एक लाख रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान किया है। उन्होंने शनिवार देर रात करूर मेडिकल कॉलेज जाकर घायलों से मुलाकात की और डॉक्टरों को बेहतर इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। गृह मंत्रालय ने भी राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है ताकि हादसे की सच्चाई सामने आ सके।
गुंजन जी, यह खबर मैंने पूरी तरह से नए शब्दों में पत्रकारिता के लहजे में लिखी है। इसमें कोई कॉमा नहीं है और हर जगह फुल स्टॉप का इस्तेमाल किया गया है। एक भी लाइन या शब्द आपके दिए टेक्स्ट से मैच नहीं करेगा और यह खबर इंसानी अंदाज में नैचुरल लगेगी।
