बिहार के मधुबनी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आयोजित जनसभा में जब बोलना शुरू किया, तो किसी को अंदाजा नहीं था कि कुछ ही पलों में उनका बयान अंतरराष्ट्रीय चेतावनी में बदल जाएगा। अपने हिंदी भाषण के बीच अचानक अंग्रेजी में उन्होंने जब कहा – “I’m telling the whole world…” तो पूरा माहौल गंभीर हो गया। प्रधानमंत्री के इस वाक्य को सिर्फ एक बयान नहीं बल्कि आतंकवादियों और उनके सरपरस्तों के लिए एक सीधी चेतावनी माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा कि भारत अब सिर्फ सहने वाला देश नहीं रहा। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा और जिन लोगों ने देश की शांति को लहूलुहान करने की कोशिश की है, उन्हें ढूंढ़-ढूंढ़ कर सजा दी जाएगी। यह बयान उस हमले के दो दिन बाद आया है, जिसमें पहलगाम में एक निर्दोष युवक की जान चली गई और जिसका संबंध भारत मानता है कि सीमापार के आतंकी ढांचे से है।
मधुबनी की मिट्टी से दिया गया यह संदेश सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि उन सभी देशों के लिए था जो आतंक के खिलाफ खड़े हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की भावना को कोई तोड़ नहीं सकता और जब तक न्याय नहीं मिल जाता, तब तक यह संघर्ष थमेगा नहीं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत अब आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीमाओं की परवाह नहीं करेगा और जहां भी वे छिपे होंगे, भारत उन्हें ढूंढ़ निकालेगा।
प्रधानमंत्री ने जनता से संवाद करते हुए कहा कि देश इस समय पूरी तरह एकजुट है और यह लड़ाई सिर्फ एक सरकार की नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की है। उन्होंने विश्वास जताया कि हर वह व्यक्ति जो मानवता में यकीन रखता है, वह भारत के साथ खड़ा होगा। उनका यह भी कहना था कि भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देगा, बल्कि दुश्मनों की भाषा में जवाब देगा, जिससे उन्हें दोबारा ऐसी हिमाकत करने की हिम्मत न हो।
प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत ने पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान के सैन्य समर्थन का संदेह जताया है। यह बयान उन ताकतों के लिए भी सीधा संदेश है, जो आतंक को पनाह देती हैं। प्रधानमंत्री के शब्दों में केवल गुस्सा नहीं, बल्कि भारत की रणनीति का स्पष्ट संकेत भी था, जो बताता है कि आने वाले समय में आतंक के खिलाफ भारत की नीति और भी सख्त होगी।
प्रधानमंत्री मोदी का यह वक्तव्य केवल एक राजनीतिक भाषण नहीं था, बल्कि एक ठोस घोषणा थी कि अब भारत आतंक के खिलाफ अपनी लड़ाई को अंतिम अंजाम तक पहुंचाएगा। यह बयान आने वाले दिनों में भारत की सुरक्षा नीति और अंतरराष्ट्रीय रणनीति पर गहरा असर डाल सकता है। अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि भारत इस चेतावनी को कैसे अंजाम तक पहुंचाता है।