सरकार और 108 सेवा की खींचतान में जा रही जनता की जान

उत्तरा न्यूज डेस्क
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108 सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है जनता

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सल्ट से सुजीत सिंह की रिपोर्ट:- सरकार और जीवीके ईएमआरआई के आपसी खींचतान ता खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है| सेवा का लाभ ना मिलने से जनता में रोष तो है ही उनकी जान पर भी बन रही है|
पिछले माह सल्ट के सारुड गाव के पूर्व प्रधान मोहन राम को 108 सेवा ना मिलने के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी बीती रात को एक बोलेरो टुकरा के समीप 250 मीटर खाई में जा गिरी इतने बड़े हादसे के बाद भी 108 मौके पर 108 सेवा तेल ना होने के कारण उपलब्ध नहीं हो पाई।
ऐसा प्रतीत होता है शायद 108 खुद ही बीमार है जनता की सुध लेने वाली 108 की सुध लेने वाला कोई नहीं। 108 को चलाने के लिए ना तो अब सरकार के पास तेल है और नहीं कर्मचारी जहां एक 108 में 3 इएमटी और 3 चालक रहते थे अब सिर्फ 1 इएमटी और 1 चालक है जिस कारण सेवा को सुबह 8 से रात्रि 8 बजे तक चलाया जाता है रात्रि 8 बजे के कितनी ही आपातकालीन स्थिति हो जाए तो आपको सेवा का लाभ नहीं मिल सकता अगर दोनों में से कोई भी कर्मचारी छुट्टी चला जाता है तो सेवा को बंद कर दिया जाता है
और ऐसे में कोई भी हादसा हो जाए तो 108 व्यस्त होने की बात कही जाती है। 108 एम्बुलेंस को 10 वर्षों से अधिक हो चुके है वाहन की हालत इतनी खराब है कि इनकी सर्विस और मरम्मत तक सरकार नहीं करा पा रही सेवा से जुड़े कर्मचारियों का कहना है कि कभी कभी तो ब्रेक भी नहीं लगते तो कभी जंगल में खड़ी हो जाती है ऐसे हालातो में खुद ईएमटी, चालक और मरीज अपनी जान हथेली पर रख कर चलने को मजबूर है।
राज्य आंदोलनकारी सल्ट मनवर सोतियाल का कहना है कि समय पर 108 मिल जाती तो पूर्व प्रधान मोहन राम की जान बच जाती उन्हें समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका|
टुकरा के प्रधान उमेश रिखाड़ी ने कहा कि इतने बड़े हादसे के बाद भी 108 नहीं आयी मौके पर फोन करने पर 108 के व्यस्त होने की बात कही गई जबकि 108 अपने ही स्थान पर खड़ी थी जल्द ही अगर व्यस्था नहीं सुधरी तो हम सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे|

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