सोशल मीडिया का पॉजीटिव इंपेक्ट : ज्योति ने जीती जिंदगी की जंग

Newsdesk Uttranews
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मदद को उठे हाथों ने एक नई जिंदगी दी

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जनपद पिथौरागढ़ के विकास खंड बेरीनाग के उडियारी गांव की 12 वर्षीय ज्योति-महरा को एक वर्ष पूर्व अचानक ब्लड-कैंसर जैसी प्राण घातक बिमारी ने जकड़ लिया। घर की स्थिति ऐसी थी की ज्योति के पिता मेहनत मजदूरी करके किसी तरह से परिवार के लिए दो वक्त की रोटी जुगाड़ करते थे। अचानक बेटी की बिमारी को देखकर पूरा परिवार सदमे में आ गया। आखिर कैसे ज्योति का उपचार हो। ज्योति की बिमारी का जब स्थानीय लोगों को पता चला तो। ज्योति की मदद के लिए अभियान शुरू किये गये। ज्योति की मदद करने वालो की संख्या इतनी अधिक हो गयी की। व्हटसप में ज्योति बचाओ अभियान के दो ग्रुप बनाये गये। जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता, व्यापारी, शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी, पुलिस, प्रशासन, विभिन्न राजनैतिक दलों के पदाधिकारी, विधायक, सांसद, मंत्री, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार बंधु, विभिन्न कर्मचारी संगठनो सहित आदि को जोडा गया। सभी ने ज्योति के लिए अपने स्तर अभियान चलाया। अभियान पूरे क्षेत्र के साथ राज्य के कोने कोने से लेकर देश ही नही विदेशों से भी ज्योति के मदद के हाथ उठने शुरू हुए । प्रिंट, इलैक्ट्रांनिक , सोशल मीडिया में ज्योति बचाओ अभियान चलता रहा। ज्योति के लिए सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों के बच्चों ने मदद की। ज्योति के लिए 18 लाख की धनराशि एकत्र हुई। दिल्ली में युवाओ ने ज्योति की जिंदगी बचाने के लिये ब्लड डोनेट भी किया। ज्योति के साथ दिल्ली में श्री उतम सिंह कार्की जी और श्री देवेन्द्र सिंह बनकोटी जी ने मदद की। एक साल तक जिंदगी और मौत से लड़ते हुए ज्योति ने मौत मात देकर स्वस्थ् होकर घर लौटी है।

घर लौटने के बाद ज्योति ने अपने स्कूल हिमालया इंटर कालेज चौकोड़ी में पंहुची। जहां पर स्कूली बच्चों और शिक्षकों ने ज्योति का स्वागत किया। एक तरफ खुशी और दूसरी भावुकता भी आंखो में देखने को मिली। आप सभी मदद करने वालों का आभार । आप की मदद और आशीर्वाद दुआओं से आज ज्योति को नया जीवन मिला है। ज्योति के माता पिता ने भी भावुक होते हुए कहा कि ज्योति अब सब की बेटी है। ज्योति हमारे समाज के लिए ज्योति बनकर आई है।

गोपू बिष्ट की फेसबुक वॉल से साभार