लाँक डाउन (lock down)के बीच शराब की दुकानें खोलना सरकार का असली चेहरा,उपपा ने लगाया आरोप

उत्तरा न्यूज डेस्क
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अल्मोड़ा: 03 मई- उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने लाँक डाउन(lock down) के बीच में शराब की दुकाने खोले जाने पर हैरानी जताई है|

पार्टी ने कहा है कि लाँक डाउन(lock down) के दौरान जहां पूरा देश इस महामारी से जूझ रहा है वहीं सरकार ने शराब की दुकानें खोलकर अपना असली चेहरा दिखा दिया है|

यहां जारी बयान में उपपा के केन्द्रीय अध्यक्ष व नशा नहीं रोजगार दो आंदोलन के अगुवा पीसी तिवारी ने कहा कि अजीब बात है एक तरफ़ तो पूरे देश में 54 दिन के लॉकडाउन(lock down) की घोषणा सरकार ने की है और इस लॉकडाउन की मांग राज्य सरकारों ने ख़ुद ही की थी मगर दूसरी तरफ़ ही देश में शराब की दुकानें खोलने के फ़ैसले से सा़फ तौर पर केंद्र और राज्य सरकारों का असली चेहरा सामने आ चुका है।

उन्होंने कहा एक तरफ़ पूरे देश में आम नागरिक Corona Virus की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन(lock down) के कारण आजीविका की जद्दोजहद में लगे हैं। देश में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिससे मज़दूर, किसान और मध्यम वर्ग निश्चिंत हो सके।

वहीं सरकार ज़रूरी मुद्दों को छोड़कर शराब की दुकानों पर छूट दे चुकी है।
महामारी के चलते देश के ज़िलों को तीन ज़ोन में बांटा गया है – रेड ज़ोन (अतिसंवेदनशील) ऑरेंज ज़ोन (संवेदनशील) और ग्रीन ज़ोन (सुरक्षित)। रेड ज़ोन में लोगों को वैसे कोई छूट नहीं दी गई है परन्तु शराब की दुकान खोलने के फ़ैसले को लेकर सरकार से सवाल पूछना बेहद ज़रूरी हो गया है।

उन्होंने सवाल किया है कि ऐसे समय में जब पूरा देश वैश्विक महामरी से जूझ रहा है तब शराब, पान और गुटखा की दुकानें खोलना कहां तक उचित है?


कहा कि अभी इस दौर में जब लोगों को नशे की नहीं खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा और आर्थिक सुरक्षा, क्वारंटीन सेंटर्स, पीपीई किट और टेस्टिंग प्रोसेस में इज़ाफ़ा करने की ज़रूरत है।

तिवारी ने कहा जब आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भी कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को खोलने के लिए इस महामारी के दौर में प्रतिदिन कम- से- कम 5 लाख कोरोना टेस्ट होने चाहिए उस जटिल दौर मेंजनता को नशे में डुबाने की साजिश हो रही है|