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आयुर्वेदिक चिकित्सालय शीतलाखेत में खुला जिले का पहला आयुष वैलनेस सेंटर, डीएम ने किया शुभारंभ, आयुर्वेद पद्धति से होगा रोगों का निवारण

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा। भारत सरकार व आयुष मंत्रालय उत्तराखंड के सौजन्य से राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय शीतलाखेत में जिले का पहला आयुष वैलनेस सेंटर का आज शुभांरभ हुआ। इस वैलनेस सेन्टर का मुख्य उद्देश्य आयुर्वेद पद्धति से रोगों का निवारण कर व आयुर्वेदिक पद्धति को बढ़ावा दिया जाना है। सेंटर में योग, ध्यान, पंचकर्म व प्राकृतिक चिकित्सा से रोगों का निदान किया जाएगा।
आयुष वैलनेस सेंटर के शुभारम्भ के अवसर पर मुख्य अतिथि डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने कहा कि स्वस्थ्य जीवन शैली के लिए योग व आयुर्वेद बहुत जरूरी है। वर्तमान में तनावग्रस्त जीवन शैली से छुटकारा पाने के लिए योग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस वैलनेस सेन्टर के बनने से लोगों को काफी फायदा मिलेगा इसका प्रचार-प्रसार किया जाय। डीएम ने कहा कि शीतलाखेत में पर्यटन की काफी सम्भावनायें है इसको ध्यान में रखते हुए यह सेन्टर खोला गया है। इससे पर्यटन को भी इस तरह के सेन्टर खुलने से बढ़ावा मिलेगा। इस दौरान डीएम ने चिकित्सालय के रंग-रोगन व जीआईसी शीतलाखेत की छत की मरम्मत का आगणन प्रस्तुत करने के उपरान्त उसे ठीक कराने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर डीएम ने हर्बल गार्डन का भी निरीक्षण किया। कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष गोविन्द सिंह पिलख्वाल ने कहा कि मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजनाओं में एक आयुष सेन्टर बहुउपयोगी साबित होगा। इस अवसर पर नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने कहा कि योग व प्राकृतिक चिकित्सा प्रत्येक व्यक्ति के लिए जरूरी है। वर्तमान में योग ने अपनी महत्ता को साबित किया है जो प्रत्येक बीमारी में कारगर साबित हो रहा है। इस अवसर पर आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी केएस नपलच्याल ने इस वैलनेस सेन्टर में होने वाली सुविधाओं के बारे में बताया। कार्यक्रम में जीआईसी शीतलाखेत के बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। इस अवसर पर तहसीलदार संजय कुमार, नोडल अधिकारी डॉ अजीत तिवारी, बिशन सिंह, डॉ दीपिका धर्मशत्तू, डॉ बीएस रौतेला, डॉ जितेन्द्र कुमार, डा एलएम जोशी, डा ऋचा चैहान, परियोजना प्रबन्धक आजीविका कैलाश भटट, आपदा प्रबन्धन अधिकारी राकेश जोशी, दिनेश पाठक, घनानन्द पाठक, डॉ हर्ष कुमार, कुबेर अधिकारी, शैलेन्द्र डाबा, गणेश पाठक, ललित चन्द पाठक, कैलाश गोस्वामी आदि मौजूद थे।

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