बागेश्वर सहयोगी। बागेश्वर में पूर्व सैनिक द्वारा आत्महत्या किए जाने के प्रकरण में जिला विकास प्राधिकरण के ऊपर लग रहे आरोपों के बाद शुक्रवार को जिला विकास प्रधिकरण ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर दी सफाई देते हुए पत्रकार वार्ता की। प्राधिकरण सचिव राहुल गोयल ने कहा कि देवकीनंदन भट्ट की आत्महत्या मामले को प्राधिकरण से जोड़ना गलत है। उन्होंने कहा कि भवन स्वीकृति का कोई आवेदन प्राधिकरण को नहीं मिला था। जमीन का स्वामित्व भी मृतक या उनके किसी परिजनों के नाम पर नहीं।उन्होंने कहा कि 31 जुलाई 2018 को क्षेत्र के ही कुछ लोगों ने अवैध निर्माण किये जाने की शिकायत की थी।
उन्होंने कहा कि 4 अगस्त 2018 प्राधिकरण ने संबंधित को नोटिस जारी किया। और 19 अगस्त 2018 को मृतक ने स्वास्थ्य खराब होने की जानकारी दी गयी।साथ ही बताया कि मृतक का शस्त्र भी जब्त किया गया है और मामला डीएम की कोर्ट में चल रहा है। मालूम हो कि पूर्व सैनिक की आत्महत्या के बाद यह बात तेजी से उठी थी कि भवन निर्माण के लिए प्राधिकरण की ओर से कथित रूप से असहयोग करने और उपेक्षा से खिन्न हो कर एक फौजी को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा है।
दोनों ही मामले डीएम कोर्ट में चल रहे हैं।