हमारे बुजुर्ग हमेशा कहते आए हैं कि खाना किस बर्तन में पकाया जा रहा है, इसका स्वाद और सेहत पर असर पड़ता है। आज के समय में डॉक्टर्स भी इसे मानते हैं। खासकर लोहे की कढ़ाही में खाना बनाना फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इससे शरीर को आयरन मिलता है। लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं, जिन्हें लोहे की कढ़ाही में बनाना नुकसानदेह हो सकता है।
डॉ शालिनी सिंह बताती हैं कि लोहे की कढ़ाही में कुछ खास चीजें पकाना सही नहीं होता। इससे खाना स्वाद और खुशबू में खराब हो सकता है और पेट या सेहत पर भी असर पड़ सकता है।
सबसे पहले खट्टी सब्जियां और ग्रेवी का जिक्र करें, जिनमें टमाटर, इमली या नींबू जैसी चीजें हों। ये एसिडिक होती हैं और लोहे के संपर्क में आने पर रिएक्शन कर सकती हैं। इससे खाने का स्वाद बदल जाता है और फूड पॉइजनिंग का खतरा भी बढ़ सकता है।
दही वाली डिशेज जैसे कढ़ी, दही वाले आलू या अन्य सब्जियां भी लोहे की कढ़ाही में नहीं बनानी चाहिए। डॉ शालिनी के अनुसार, दही फट सकता है और खाने में लोहे जैसा स्वाद या गंध आ सकती है।
दूध से बनी मिठाइयां जैसे खीर, कस्टर्ड या क्रीम भी लोहे की कढ़ाही में बनाने से बचना चाहिए। ऐसा करने से दूध फट सकता है, उसमें खटास या दुर्गंध आ सकती है और पूरी डिश का स्वाद खराब हो जाता है।
राजमा, छोले जैसी भारी डिशेज को भी लोहे की कढ़ाही में नहीं बनाना चाहिए। लोहे की कढ़ाही में गर्मी बराबर नहीं रहती, इसलिए ये ठीक से पकते नहीं। इसके खाने से पेट में गैस, ब्लोटिंग और अपच जैसी समस्या हो सकती है।
सिरके वाली चाइनीज डिशेज भी लोहे की कढ़ाही में नहीं बनानी चाहिए। विनेगर एसिडिक होता है और लोहे के संपर्क में आने पर खाना स्वाद, खुशबू और रंग में बदल सकता है। इसके अलावा, फूड पॉइजनिंग का खतरा भी बढ़ जाता है।
इसलिए लोहे की कढ़ाही का सही इस्तेमाल करें और अपनी सेहत और खाने का स्वाद दोनों सुरक्षित रखें।
यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारी के लिए है। इसे व्यक्तिगत मेडिकल सलाह या इलाज के रूप में न लिया जाए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या संदेह होने पर डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
