अल्मोड़ा। नगर क्षेत्र में तेंदुओं की लगातार बढ़ती गतिविधियों और उससे उत्पन्न जनसुरक्षा के गंभीर संकट को लेकर आज नगर कांग्रेस कमेटी, अल्मोड़ा द्वारा प्रभागीय वनाधिकारी (DFO) अल्मोड़ा को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में कहा गया कि नगर के रिहायशी इलाकों, स्कूलों, पैदल मार्गों और घरों के आसपास तेंदुओं की खुलेआम आवाजाही अब आमजन के लिए जानलेवा खतरा बन चुकी है। नगरवासी भय और असुरक्षा के माहौल में जीवन यापन करने को मजबूर हैं, लेकिन इसके बावजूद वन विभाग द्वारा अब तक कोई ठोस और प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं, जो बेहद चिंताजनक है।
नगर कांग्रेस कमेटी ने वन विभाग की इस लापरवाही के विरोध में कार्यालय का घेराव करते हुए मांग की कि तेंदुओं की सक्रियता वाली सभी चिन्हित जगहों पर तत्काल पिंजरे लगाए जाएं।
नगर के संवेदनशील क्षेत्रों में नियमित गश्त, ट्रैप कैमरे और निगरानी व्यवस्था तुरंत मजबूत की जाए।
सरकार और वन विभाग सार्वजनिक रूप से स्पष्ट करें कि जंगली जानवरों से आमजन की सुरक्षा के लिए क्या नीतियां बनाई गई हैं और अब तक उन पर अमल क्यों नहीं हुआ।
भविष्य में तेंदुओं से होने वाली घटनाओं की रोकथाम के लिए स्पष्ट कार्ययोजना, समय-सीमा और जिम्मेदार अधिकारियों के नाम घोषित किए जाएं।
पकड़े गए तेंदुओं को नगर क्षेत्र से दूर सुरक्षित वन क्षेत्रों में छोड़ा जाए अथवा स्थायी व्यवस्था के तहत जू या रेस्क्यू सेंटर में रखा जाए, ताकि दोबारा खतरा उत्पन्न न हो।
नगर कांग्रेस कमेटी ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि शीघ्र प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई और किसी भी प्रकार की जनहानि होती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी वन विभाग और शासन-प्रशासन की होगी। ऐसी स्थिति में आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।
नगर कांग्रेस कमेटी ने प्रशासन से जनहित और जनसुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए तत्काल ठोस कदम उठाने की मांग की।
कार्यक्रम मे भूपेंद्र सिंह भोज जिला अध्यक्ष, नगर अध्यक्ष ताराचंद्र जोशी, पूर्व पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, पूरन सिंह रौतेला, राधा बिष्ट महिला जिला अध्यक्ष, पार्षद वैभव पांडे, पार्षद दीपक कुमार, पार्षद इंतखाब आलम, गीता मेहरा, प्रीति बिष्ट , गीता पांडे , परितोष जोशी, रोबिन मनोज भंडारी, बीके पांडे, मनोज वर्मा, गोविंद सिंह मेहरा, भैरव गोस्वामी, निज़ाम कुरैशी, दिनेश पांडे, पंकज कांडपाल, रविंद्र टम्टा, कमल बिष्ट, कार्तिक साह, जगदीश तिवारी, राधा राजपूत, राधा टम्टा, आदि लोग मौजूद रहे।
