लैक्मे कॉस्मेटिक की शुरुआत में अहम भूमिका निभाने वाली सिमोन टाटा का मुंबई में 95 साल की उम्र में निधन हो गया। शुक्रवार सुबह उनकी तबीयत बिगड़ी और ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में उन्होंने आखिरी सांस ली। वह नोएल टाटा की मां थीं और रतन टाटा के परिवार से भी उनका गहरा रिश्ता रहा है।
टाटा ग्रुप की ओर से जारी संदेश में बताया गया कि सिमोन को कोलाबा स्थित कैथेड्रल ऑफ द होली नेम चर्च में अंतिम विदाई दी जाएगी। ग्रुप ने कहा कि वह लैक्मे को देश के बड़े कॉस्मेटिक ब्रांड के तौर पर खड़ा करने में एक महत्वपूर्ण चेहरा थीं , साथ ही वेस्टसाइड जैसे फैशन प्लेटफॉर्म की नींव रखने में भी उनका बड़ा योगदान रहा। समाजसेवा से जुड़े संस्थानों में भी वह लगातार सक्रिय रहीं और कई कामों को दिशा दी। उनकी ऊर्जा और हिम्मत ने उन्हें जीवन की कई चुनौतियों से उबारने में मदद दी , और उनके संपर्क में आने वाले लोगों पर उनका गहरा असर रहा।
सिमोन का जन्म स्विट्जरलैंड के जिनेवा में हुआ था। वह पहली बार 1953 में भारत घूमने आई थीं। कुछ समय बाद उनकी मुलाकात नेवल एच टाटा से हुई और दोनों ने शादी कर ली। इसके बाद उन्होंने टाटा ग्रुप के साथ अपना पेशेवर सफर शुरू किया और धीरे धीरे समूह के कामकाज का अहम हिस्सा बन गईं।
1961 में उन्हें लैक्मे के बोर्ड में शामिल किया गया , तब लैक्मे टाटा ऑयल मिल्स कंपनी की एक छोटी इकाई थी और पर्सनल केयर ब्रांड्स के लिए जानी जाती थी। सिमोन की सोच और मेहनत ने इस कंपनी को मजबूत दिशा दी और आगे चलकर भारतीय बाजार में इसकी अलग पहचान बनी।
1982 में उन्हें लैक्मे की चेयरपर्सन बनाया गया। भारतीय महिलाओं के बीच मेकअप उत्पादों को लोकप्रिय बनाने और एक आधुनिक कंज्यूमर ब्रांड तैयार करने में उनकी भूमिका इतनी खास रही कि लोग उन्हें भारत की कॉस्मेटिक क्वीन के नाम से जानने लगे।
