क्या आपने भी डाउनलोड किया है इस सरकारी ऐप को? हैकर्स इसके जरिए उड़ा रहे हैं डाटा

भारत सरकार ने हाल ही में देशभर के यूजर्स को चेतावनी दी है कि एप स्टोर पर नकली डिगी लॉकर ऐप तेजी से फैल रहा…

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भारत सरकार ने हाल ही में देशभर के यूजर्स को चेतावनी दी है कि एप स्टोर पर नकली डिगी लॉकर ऐप तेजी से फैल रहा है। डिजिटल इंडिया के आधिकारिक वेबसाइट पर इस अलर्ट को पोस्ट किया गया है।

इस पोस्ट में कहा गया है कि डाउनलोड करने से पहले हर यूजर को इसे चेक कर लेना चाहिए यह असली है या नहीं क्योंकि कई फर्जी ऐप्स असली DigiLocker की तरह दिखने की कोशिश कर रहे हैं।


सरकारी एडवाइजरी के मुताबिक यह नकली अप लोगों को गुमराह कर रही है और असली डिजिलॉकर की तरह ही इसका आइकॉन, नाम और इंटरफेस दिखाई दे रहा है। इसका मकसद यूजर से व्यक्तिगत और संवेदनशील डाटा प्राप्त करना है। इसमें आधार पैन कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस जैसे अहम डॉक्यूमेंट रहते हैं डिजिलॉकर भारत की सरकार की आधिकारिक सेवा है जो नागरिकों के लिए एक डिजिटल डॉक्यूमेंट वॉलेट की तरह काम करता है।

यही वजह है कि अगर कोई यूजर गलती से फर्जी ऐप इंस्टॉल करता है तो उसके निजी दस्तावेज साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं
DigiLocker किन डॉक्यूमेंट्स को सुरक्षित रखता है


DigiLocker में लोग Aadhaar कार्ड, PAN कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, RC, मार्कशीट और कई सरकारी डॉक्यूमेंट्स सुरक्षित रूप से स्टोर कर सकते हैं। यह सेवा MeitY के अंतर्गत आने वाली National e-Governance Division (NeGD) द्वारा विकसित की गई है। चूंकि इसमें लाखों यूजर्स के संवेदनशील सरकारी दस्तावेज स्टोर होते हैं, इसलिए नकली ऐप डाउनलोड करना बेहद बड़ा सुरक्षा जोखिम बन सकता है।


अगर आप भी गलती से फेक ऐप को डाउनलोड कर लेते हैं तो इस सरकारी पोस्ट में बताया गया है कि कोई संदिग्ध डिग्गी लौटकर ऐप इंस्टॉल कर ले तो उसे तुरंत फोन से हटा दें। इसके अलावा जिन अकाउंट से वह जुड़ा हुआ है या जिनका डेटा डाला गया था, उनके पासवर्ड तुरंत बदल दें। इससे संभावित साइबर खतरे कम हो जाएंगे।


असली DigiLocker ऐप को कैसे पहचानें


सरकार ने साफ कहा है कि असली DigiLocker ऐप केवल National e-Governance Division (NeGD), Government of India द्वारा बनाया गया है। असली ऐप की पहचान इस तरह है।उसका नाम DigiLocker होता है और उसके डेवलपर की जानकारी में Government of India / NeGD लिखा होता है।

इसके अलावा, यूजर्स को केवल आधिकारिक वेबसाइट से ही ऐप डाउनलोड करने की सलाह दी गई है – हालांकि एडवाइजरी के अनुसार, असली एड्रेस digilocker.gov.in है।


एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि किसी भी थर्ड पार्टी एप स्टोर अनजान डेवलपर या संदिग्ध लिंक से डिग्गी लौटकर के नाम पर ऐप बिल्कुल भी डाउनलोड ना करें। हमेशा गूगल प्ले स्टोर या एप्पल एप स्टोर से वेरीफाइड लिंक से ही इसे इंस्टॉल करें।


Digital India द्वारा शेयर की गई ग्राफिक में असली DigiLocker के लेआउट और फीचर्स दिखाए गए हैं। इसमें Aadhaar इंटीग्रेशन, Issued Documents सेक्शन, PAN वेरिफिकेशन, वाहन पंजीकरण, National Health ID और LIC पॉलिसी जैसे फीचर्स साफ दिखाई देते हैं। यह विजुअल इसलिए शेयर किया गया है ताकि यूजर असली और नकली ऐप में फर्क कर सकें।

देश में साइबर धोखाधड़ी तेजी से बढ़ रहा है इसलिए सरकार लगातार नागरिकों को चेतावनी भी दे रही है। ऐसे में जब सरकारी सेवाओं के ऐप्स का गलत इस्तेमाल कर नकली ऐप बनाए जा रहे हों, तो डिजिटल सतर्कता बेहद जरूरी हो जाती है। सरकार ने कहा है कि यूजर किसी भी सरकारी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसके डेवलपर, रेटिंग और ऑफिशल लिंक को दोबारा जांच लें।