भारत की रक्षा क्षमता को नई ऊंचाई देने वाला एक बड़ा कदम उठाया गया है। सरकारी रक्षा कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और फ्रांस की Safran Electronics & Defense अब मिलकर दुनिया के सबसे एडवांस्ड स्मार्ट बम HAMMER का उत्पादन भारत में ही करेंगी। दोनों कंपनियों के बीच यह करार औपचारिक रूप से हो चुका है। BEL के चेयरमैन मनोज जैन और Safran के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट अलेक्जेंडर ज़िग्लर ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। फरवरी 2025 में एयरो इंडिया के दौरान सिर्फ एक MoU साइन हुआ था, लेकिन अब दोनों कंपनियों ने आगे बढ़कर संयुक्त रूप से एक नई कंपनी बनाने का फैसला कर लिया है, जिसमें दोनों की बराबर हिस्सेदारी रखी गई है।
HAMMER को दुनिया के सबसे सटीक और आधुनिक एयर टू ग्राउंड हथियारों में गिना जाता है। फ्रांस में डिजाइन किया गया यह स्मार्ट बम भारतीय राफेल लड़ाकू विमानों की शक्ति कई गुना बढ़ा देता है। इसकी खासियत यह है कि यह 70 किलोमीटर दूर छिपे किसी भी लक्ष्य को आसानी से भेद सकता है। उड़ान के दौरान यह खुद दिशा बदल सकता है और दुश्मन की इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग या हस्तक्षेप का इस पर कोई असर नहीं पड़ता। बंकर, सैन्य ढांचे, रडार स्टेशन, पुल जैसी मजबूत संरचनाओं को नष्ट करने की इसकी क्षमता पहले ही कई अभियानों में साबित हो चुकी है।
भारत में बनने वाले HAMMER के लिए शुरुआती दौर में कुछ हिस्सों की सप्लाई फ्रांस से आएगी, लेकिन धीरे-धीरे इसकी 60 फीसदी मैन्युफैक्चरिंग देश में ही शुरू हो जाएगी। इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से लेकर मैकेनिकल पार्ट तक उत्पादन का बड़ा हिस्सा भारत में शिफ्ट होगा। अंतिम असेंबली, टेस्टिंग और क्वालिटी जांच की जिम्मेदारी BEL संभालेगा, जिससे हथियार का पूरा इकोसिस्टम देश के अंदर तैयार हो जाएगा।
इस संयुक्त परियोजना से भारत को कई बड़े फायदे मिलेंगे। भारतीय वायुसेना को अब विदेशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और जरूरत पड़ने पर कम समय में बड़ी मात्रा में हथियार तैयार किए जा सकेंगे। यह कदम रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगा। तकनीक भारत में विकसित होगी और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। BEL और Safran की इस संयुक्त फैक्ट्री में इंजीनियरों और तकनीशियनों की बड़ी संख्या में जरूरत होगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अब तेजस लड़ाकू विमानों को भी HAMMER से लैस करने की योजना पर काम शुरू हो सकेगा, जिससे उनकी क्षमता में बड़ा इजाफा होगा।
रखरखाव और अपग्रेड का काम भी भारत में ही होने लगेगा, जो युद्धकाल या किसी भी संकट के दौरान देश के लिए सबसे बड़ा फायदा साबित होगा। अब राफेल की मारक क्षमता कई गुना बढ़ने जा रही है और भारत के पास एक ऐसा हथियार सिस्टम होगा, जिसकी उपलब्धता, कीमत और तकनीकी नियंत्रण पूरी तरह देश के हाथ में रहेगा।
