दिल्ली। राजधानी में फिर से हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार शनिवार को दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के पार गया। एक्यूआई का यह स्तर जहरीली हवा की श्रेणी में आता है और इसे गंभीर स्थिति माना जाता है। राजधानी ऐसे समय में देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हो गई है और आने वाले दिनों में प्रदूषण की समस्या और गहराने का अनुमान है।
सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में शनिवार को शाम चार बजे 24 घंटे का औसत एक्यूआई 361 अंक रहा। वहीं कुछ इलाकों में शाम पांच बजे एक्यूआई 400 से ऊपर पहुंच गया। अलीपुर, बवाना, बुराड़ी क्रासिंग, आईटीओ, जहांगीरपुरी, नरेला, नेहरू नगर, रोहिणी, विवेक विहार और वजीरपुर जैसे क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई।
शनिवार को पीएम2.5 और पीएम10 प्रमुख प्रदूषक बने रहे। तीन बजे के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली-एनसीआर की हवा में पीएम10 का स्तर 321 और पीएम2.5 का स्तर 187 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। यानी हवा में मानक से तीन गुना से अधिक प्रदूषक कण मौजूद थे। स्वास्थ्य मानकों के मुताबिक पीएम10 का स्तर 100 और पीएम2.5 का स्तर 60 से नीचे होने पर ही हवा सुरक्षित मानी जाती है।
विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के पीछे हवा की धीमी गति, पराली जलाना और तापमान में गिरावट मुख्य कारण हैं। दिन के ज्यादातर समय हवा 10 किलोमीटर प्रति घंटे से कम गति से बह रही है, जिससे प्रदूषक कण लंबे समय तक मौजूद रहते हैं। उत्तरी-पश्चिमी हवा पराली का धुआं भी साथ ला रही है। डीएसएस वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान के अनुसार, दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान लगभग 30 प्रतिशत है और परिवहन का योगदान 15.2 प्रतिशत। शुक्रवार को पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की 282 घटनाएं दर्ज की गईं।
मौसम विभाग ने बताया कि अगले कुछ दिनों तक राजधानी में वायु गुणवत्ता बेहद खराब बनी रहेगी। दिन के ज्यादातर समय हवा की गति धीमी रहने और तापमान सामान्य से कम होने के कारण प्रदूषक कण लंबे समय तक हवा में बने रहेंगे। सुबह के वक्त धुंध छाने की संभावना है, लेकिन दोपहर में हवा की गति बढ़ने से धुंध कुछ हद तक हट सकती है। कुल मिलाकर अगले छह दिन दिल्ली वालों को सुबह के वक्त धुंध और गंभीर प्रदूषण की समस्या झेलनी पड़ सकती है।
