शिक्षा में कमाल दिखाने के बाद अब इस मामले में भी देश को पीछे छोड़ गया केरल, मुख्यमंत्री ने किया बड़ा ऐलान

केरल में एक ऐतिहासिक दिन दर्ज हुआ जब मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने राज्य स्थापना दिवस यानी केरल पिरवी के मौके पर विधानसभा के विशेष सत्र…

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केरल में एक ऐतिहासिक दिन दर्ज हुआ जब मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने राज्य स्थापना दिवस यानी केरल पिरवी के मौके पर विधानसभा के विशेष सत्र में यह ऐलान किया कि अब केरल में कोई भी परिवार अत्यधिक गरीबी में नहीं है। उन्होंने कहा कि केरल देश का पहला राज्य बन गया है जिसने चरम गरीबी को पूरी तरह खत्म कर दिया है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में रूल 300 के तहत इस उपलब्धि की औपचारिक घोषणा करते हुए इसे नए नव-केरल के निर्माण की दिशा में बड़ा कदम बताया।

विजयन ने कहा कि आज से 69 साल पहले जो सपना एकीकृत केरल के रूप में देखा गया था, आज वह एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि 2021 में सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में ही यह लक्ष्य तय किया गया था कि राज्य से अत्यधिक गरीबी को पूरी तरह खत्म किया जाएगा। इसके बाद स्थानीय स्वशासन विभाग और केरल इंस्टीट्यूट ऑफ लोकल एडमिनिस्ट्रेशन यानी KILA के नेतृत्व में उन परिवारों की पहचान शुरू हुई जो सबसे निचले स्तर की गरीबी में थे।

शुरुआत में इस योजना को तीन जगहों—वडक्कनचरी नगरपालिका, अंचुथेंगु ग्राम पंचायत और थिरुनेल्ली पंचायत में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया। सफलता मिलने के बाद इसे पूरे राज्य में फैलाया गया। इस मिशन के लिए साल 2021 में अत्यधिक गरीबी उन्मूलन परियोजना यानी EPAP शुरू की गई थी। सरकार के मुताबिक कुल 64,006 परिवारों की पहचान की गई और चार साल की मेहनत के बाद अब इनमें से कोई भी परिवार अत्यधिक गरीबी में नहीं है।

हालांकि इस घोषणा पर विपक्ष ने सवाल उठाते हुए सदन का बहिष्कार किया। विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने नियम 300 का गलत इस्तेमाल किया है और यह सदन के नियमों के खिलाफ है। उन्होंने इस दावे को धोखाधड़ी करार दिया।

वहीं मुख्यमंत्री विजयन ने विपक्ष की आलोचना को बेबुनियाद बताया और कहा कि यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है जिस पर पूरे राज्य को गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार वही वादे करती है जिन्हें पूरा कर सके और आज हमने यह साबित कर दिया है कि जब सरकार ठान ले तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।