सोनम वांगचुक को जेल में 30 दिन: देहरादून में सड़क पर उतरे लोग, रिहाई की मांग तेज

चर्चित पर्यावरणविद और पद्मश्री सम्मानित सोनम वांगचुक को जेल में बंद हुए आज पूरे 30 दिन हो गए। इसी को लेकर देहरादून में अलग-अलग सामाजिक…

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चर्चित पर्यावरणविद और पद्मश्री सम्मानित सोनम वांगचुक को जेल में बंद हुए आज पूरे 30 दिन हो गए। इसी को लेकर देहरादून में अलग-अलग सामाजिक संगठनों, विपक्ष से जुड़े लोगों, युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों ने पार्क गेट पर इकट्ठा होकर “सोनम वांगचुक रिहाई मंच” के बैनर तले जोरदार धरना-प्रदर्शन किया।

खुली सभा के दौरान वक्ताओं ने कहा कि सोनम वांगचुक की आवाज हिमालय की आवाज है। उत्तराखंड से लेकर लद्दाख तक पहाड़ हमारा भविष्य है और वांगचुक इसी भविष्य को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसलिए उनकी गिरफ्तारी किसी एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं बल्कि पूरी हिमालयी जनता की आवाज को कुचलने की कोशिश है।

वक्ताओं ने केंद्र सरकार पर भारी आरोप लगाए। उनका कहना था कि आज हालात ऐसे हैं कि जो सरकार की बात ना माने, अपने अधिकारों की बात करे या सवाल पूछे, उसे सीधे जेल भेज दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जब तक वांगचुक सरकार का समर्थन करते रहे, वे हीरो थे, लेकिन जैसे ही लद्दाख के लिए की गई छठी अनुसूची की घोषणा पूरी करने की मांग उठाई तो उन्हें देशद्रोही बता दिया गया।सभा में कुछ वक्ताओं ने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान जाना देशद्रोह है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद बिना बुलाए पाकिस्तान गए थे, फिर उस हिसाब से कौन देशद्रोही हुआ?उन्होंने कहा कि वांगचुक की गिरफ्तारी से सरकार ने उन तमाम आवाजों को डराने की कोशिश की है जो सत्ता की आलोचना करती हैं, लेकिन देशभर में उठ रहे समर्थन से साफ हो गया है कि यह रणनीति उल्टी पड़ गई है।

वक्ताओं ने यह भी कहा कि सरकार अपने सोशल मीडिया तंत्र का इस्तेमाल करके आलोचकों को बदनाम करने की साजिश कर रही है, जो बेहद शर्मनाक है। धरना स्थल पर डॉ. रवि चोपड़ा, निर्मला बिष्ट, राहुल कोटियाल, मोहित डिमरी, जगमोहन मेहंदीरता, एस एन सचान, विजय भट्ट, जया सिंह, सुरेंद्र सजवाण समेत कई लोगों ने अपनी राय रखी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कमला पंत और संचालन हरिओम पाली ने किया।कमला पंत ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ लद्दाख की नहीं बल्कि पूरे हिमालय की है। विकास के नाम पर पहाड़ का विनाश और प्राकृतिक संसाधनों की लूट बढ़ती जा रही है, इसलिए आवाज उठाना जरूरी है।धरने की शुरुआत सतीश धौलाखंडी और त्रिलोचन भट्ट के जनगीत से हुई। समापन अरुण और उनकी टीम के गीत के साथ किया गया।इस मौके पर सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया, जिसे आगे राष्ट्रपति के नाम भेजा जाएगा। कार्यक्रम में प्रो. राघवेन्द्र, नन्द नन्दन पांडे, पद्मागुप्ता,संजीव घिल्डियाल, पंचमी रावत, शांति सेमवाल, शांता नेगी, विजय नैथानी, सुलोचना गुसाईं, अनूप बिजल्वाण, चन्द्रकला, जितेन्द्र भारती, अलमासुद्दीन सिद्धिकी, हरवीर सिंह कुशवाहा, सचिन रावत, राहुल कोटियाल, राजू सिंह, अपूर्व, राजेश सकलानी, इंद्रेश नौटियाल, अजय शर्मा, स्वाति नेगी, राकेश अग्रवाल सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे।