सोनम वांगचुक का सफर: मां की शिक्षा से शुरू हुई, नौ भाषाओं में माहिर बने जलवायु योद्धा

लद्दाख के जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़काने के…

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लद्दाख के जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़काने के आरोप में लेह से गिरफ्तार कर लिया गया है। सोनम वांगचुक आमिर खान की फिल्म 3 इडियट्स में दिखाए गए फुंसुख वांगडू के किरदार के लिए जाने जाते हैं और असल जिंदगी में वे लद्दाख के एक दूरदर्शी इंजीनियर शिक्षा सुधारक और पर्यावरण संरक्षक हैं।

सोनम वांगचुक का जन्म 1 सितंबर 1966 को लद्दाख में हुआ था। बचपन में संसाधनों की कमी के बावजूद उन्होंने कठिन परिस्थितियों में शिक्षा हासिल की। उनकी प्रारंभिक पढ़ाई उनकी मां ने लद्दाखी भाषा में कराई और बाद में उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली। इसके अलावा उन्हें नौ अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान है।

साल 1988 में उन्होंने स्टूडेंट्स एजुकेशन एंड कल्चरल मूवमेंट आफ लद्दाख की स्थापना की। इस संस्था का उद्देश्य लद्दाख के छात्रों को आधुनिक और व्यावहारिक शिक्षा से जोड़ना था। उन्होंने कई नवाचार किए जिनमें आइस स्तूप शामिल है जिसने माइनस तापमान में भी पानी उपलब्ध कराने का तरीका दिखाया। सोनम वांगचुक ने पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ विकास के क्षेत्र में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त किए हैं।

वह सादगी भरा जीवन जीते हैं। महंगे शौक या दिखावे से दूर रहकर वे प्रकृति और पर्यावरण हितैषी जीवन अपनाते हैं। सोलर पावर और इको-फ्रेंडली तकनीक का प्रयोग करते हुए जीवन यापन करते हैं। स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को महत्व देते हैं और युवाओं को स्वदेशी सोच की ओर प्रेरित करते हैं। उनकी आय मुख्य रूप से शोध कार्य, नवाचार प्रोजेक्ट्स और सामाजिक संगठनों से जुड़ी होती है और इसे शिक्षा और पर्यावरण परियोजनाओं में निवेश करते हैं।

सोनम वांगचुक को साल 2016 में रोलेक्स अवार्ड ऑफ एंटरप्राइज और साल 2018 में रेमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। वे लगातार शिक्षा, पर्यावरण और समाज सेवा में योगदान दे रहे हैं।