अमेरिका ने नॉन-इमिग्रेंट वीजा (NIV) से संबंधित नियमों में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। नए आदेशों के अनुसार सभी आवेदकों को वीजा साक्षात्कार केवल अपने देश कानूनी निवास स्थान पर ही देना होगा।
इसका प्रभाव भारतीय नागरिकों पर भी देखने को मिलेगा क्योंकि अब वह जल्दी यात्रा की योजना बनाकर थाईलैंड, सिंगापुर या जर्मनी जैसे देशों में जाकर b1 या B2 वीजा का साक्षात्कार नहीं दे पाएंगे। महामारी के दौरान भारत में वीजा साक्षात्कार के लिए प्रतीक्षा अवधि कई बार 3 साल तक हो गई।
उस समय बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक बैंकॉक, सिंगापुर, फ्रैंकफर्ट, ब्राजील और थाईलैंड के चियांग माई जाकर साक्षात्कार देते थे। अब यह प्रक्रिया पूरी तरह समाप्त हो गई है।
यह परिवर्तन उन सभी आवेदकों पर लागू किया जाएगा जो टूरिस्ट, बिजनेस, छात्र, अस्थाई श्रमिक और अमेरिकी नागरिकों से विवाह करने के लिए वीजा के लिए आवेदन करते हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, भारत में NIV साक्षात्कार के लिए प्रतीक्षा समय इस प्रकार है:
हैदराबाद और मुंबई: 3.5 महीने
दिल्ली: 4.5 महीने
कोलकाता: 5 महीने
चेन्नई: 9 महीने
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में वीजा नियमों को लगातार सख्त किया जा रहा है। 2 सितंबर से लागू नए नियम के तहत, सभी NIV आवेदकों को, उम्र की परवाह किए बिना, काउंसलर साक्षात्कार देना अनिवार्य होगा।
हालांकि, कुछ अपवाद भी हैं। जिन लोगों का पहले से जारी B1, B2 या B1/B2 वीजा पिछले 12 महीनों में समाप्त हुआ है और जिनकी उम्र उस समय 18 वर्ष या उससे अधिक थी, उन्हें कुछ मामलों में साक्षात्कार से छूट मिल सकती है।
